लखनऊः इलाहाबाद की लखनऊ हाई कोर्ट की बेंच ने अपने एक आदेश में कहा है कि चुनाव आयोग के प्रेस विज्ञप्ति के आधार पर ये नहीं कहा जा सकता है कि इन वजहों से मतदाताओं या प्रत्याशियों के हितों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है. न्यायालय ने इस टिप्पणी के साथ इस संबंध में दाखिल जनहित याचिका को खारिज कर दिया.
हालांकि न्यायालय ने चुनाव आयोग को भी भविष्य में अधिक सजग रहने की नसीहत दी है. ये आदेश न्यायमूर्ति डीके उपाध्याय और न्यायमूर्ति मोहम्मद फैज आलम खान की खंडपीठ ने राजन सिंह की याचिका पर पारित किया. याची ने 8 जनवरी 2022 को केंद्रीय चुनाव आयोग की प्रेस विज्ञप्ति में दी गयी जानकारियों में कुछ भिन्नताओं का हवाला देते हुए दलील दी कि उक्त भिन्नताओं के चलते निष्पक्ष चुनाव सम्भव नहीं हैं.