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प्रभात गुप्ता हत्याकांड पर फैसला टला, court ने कहा कुछ बिंदुओं पर सुनवाई जरूरी - Hearing on Prabhat Gupta murder case

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा उर्फ टेनी के खिलाफ प्रभात गुप्ता हत्याकांड मामले में दाखिल राज्य सरकार व मृतक के भाई संतोष गुप्ता की अपीलों पर 21 दिसंबर को पुनः सुनवाई होगी. सोमवार को सुनवाई करने वाली पीठ ने कहा कि मामले के कुछ बिंदुओं का अभी और स्पष्ट होना बाकी है.

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Published : Dec 19, 2022, 9:34 PM IST

लखनऊ : केंद्रीय गृह राज्य मंत्री (Union Minister of State for Home Affairs) अजय मिश्रा उर्फ टेनी के खिलाफ प्रभात गुप्ता हत्याकांड मामले में दाखिल राज्य सरकार व मृतक के भाई संतोष गुप्ता की अपीलों पर 21 दिसंबर को पुनः सुनवाई होगी. मामले में 10 नवंबर सुनवाई पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया गया था, लेकिन सोमवार को सुनवाई करने वाली पीठ ने कहा कि मामले के कुछ बिंदुओं का अभी और स्पष्ट होना बाकी है.

न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा व न्यायमूर्ति रेणु अग्रवाल (Justice Ramesh Sinha and Justice Renu Agarwal) की खंडपीठ ने यह आदेश पारित किया. अपने आदेश में न्यायालय ने कहा कि सुनवाई पूरी होने के पश्चात फैसला लिखाते समय यह उचित लगा कि कुछ अन्य बिंदुओं को और स्पष्ट होना चाहिए. न्यायालय ने कहा कि नियत तिथि पर सम्बंधित अधिवक्ता उपस्थित रहें. उल्लेखनीय है कि सुनवाई के दौरान वादी तथा राज्य सरकार की ओर से दलील दी गई कि मृतक (प्रभात गुप्ता) से अजय मिश्रा टेनी का पंचायत चुनाव को लेकर विवाद चल रहा था. मृतक को अजय मिश्रा टेनी के अलावा दूसरे अभियुक्त सुभाष उर्फ मामा ने भी गोली मारी थी. कहा गया कि घटना के चश्मदीद गवाह भी थे, जिनकी गवाही को ट्रायल कोर्ट ने नजरंदाज किया. वहीं अपील का विरोध करते हुए, दलील दी गई थी कि ट्रायल कोर्ट ने कथित प्रत्यक्षदर्शी की गवाही को भरोसे के लायक नहीं माना है. इसका कारण यह है कि प्रत्यक्षदर्शी का एक दुकान पर काम करना बताया जाता है. उक्त दुकान के पास ही घटना को अंजाम दिया जाना भी कहा गया है.दलील दी गई कि घटना के दिन उक्त दुकान नहीं खुली थी. इसलिए कथित प्रत्यक्षदर्शी की वहां उपस्थिति संदिग्ध है. कहा गया कि ट्रायल कोर्ट द्वारा अजय मिश्रा टेनी को बरी करने का फैसला औचित्यपूर्ण है.

उल्लेखनीय है कि लखीमपुर खीरी के तिकुनिया थाना क्षेत्र में वर्ष 2000 में एक युवक प्रभात गुप्ता की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी. प्रभात गुप्ता समाजवादी पार्टी के यूथ विंग का सदस्य व लखनऊ विश्वविद्यालय का छात्र नेता. अजय मिश्रा टेनी उस समय भी भाजपा से जुड़े थे. अभियोजन के अनुसार दोनों के बीच पंचायत चुनाव को लेकर दुश्मनी हो गई थी. घटना के सम्बंध में दर्ज एफआईआर में अन्य अभियुक्तों के साथ-साथ अजय मिश्रा उर्फ टेनी को भी नामजद किया गया था. मामले के विचारण के पश्चात लखीमपुर खीरी की एक सत्र अदालत ने अजय मिश्रा व अन्य को पर्याप्त साक्ष्यों के अभाव में वर्ष 2004 में बरी कर दिया था. आदेश के खिलाफ वर्ष 2004 में ही राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में अपील दाखिल कर दिया था. वहीं मृतक के भाई ने भी उक्त आदेश के विरुद्ध अपील/पुनरीक्षण याचिका दाखिल की थी.

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