लखनऊ:कोविड काल में सेवाएं दे रहें डॉक्टरों, नर्सों, पैरामेडिकल और सफाईकर्मियों को 25 फीसदी प्रोत्साहन राशि दी जाएगी. इस बात का एलान 6 मई को सूबे के मुखिया मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया था. लेकिन, लखनऊ के सिविल अस्पताल में कोविड काल से जुड़े कर्मचारियों को ये लाभ नहीं दिया जा रहा है, बल्कि प्रोत्साहन राशि के नाम पर कर्मचारियों में भेदभाव किया जा रहा है. इसको लेकर मंगलवार को कर्मचारियों ने सिविल अस्पताल के गेट पर शासनादेश की प्रतियां जलाई और काला फीता बांधकर काम किया.
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सिविल अस्पताल के बाहर जलायी गयी शासनादेश की प्रतियां
डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी चिकित्सालय संयुक्त कर्मचारी वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष महेंद्र पांडेय, संरक्षक अखिलेश श्रीवास्तव, मंत्री विवेक तिवारी के अलावा राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के उपाध्यक्ष सुनील कुमार यादव सहित कई कर्मचारियों ने प्रोत्साहन राशि में भेदभाव किए जाने पर नाराजगी जताते हुए विरोध स्वरूप शासनादेश के आदेशों की प्रतियां जलायी और सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. कर्मचारी धीरज रावत ने बताया कि इस भेदभाव को लेकर यहां के संविदाकर्मियों में भारी रोष है. एसोसिएशन के अध्यक्ष महेंद्र पांडे ने बताया कि कोविड में सभी जंग लड़ रहे हैं. बावजूद यहां प्रोत्साहन राशि सबको नहीं दी जा रही है. उन्होंने मांग की कि समस्त चिकित्साकर्मी चाहे वो कोविड अस्पताल हो या नॉनकोविड उन्हें 25 प्रतिशत प्रोत्साहन राशि एवं मृत्योपरांत 50 लाख का लाभ दिया जाए. इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भी लिखेंगे.
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25 प्रतिशत प्रोत्साहन राशि का शासनादेश
डॉ. सुनील कुमार ने बताया कि प्रमुख सचिव और चिकित्सा शिक्षा विभाग आलोक कुमार ने 25 फीसदी प्रोत्साहन राशि के इस आशय का शासनादेश जारी किया है. कोविड मरीजों के इलाज के लिए रिटायर्ड चिकित्सक, नर्स, पैरा मेडिकल स्टाफ भी मानदेय पर रखे जाएंगे. इन्हें एनएचएम की स्वीकृत दर से 25 प्रतिशत अतिरिक्त धनराशि प्रोत्साहन के रूप में दी जाएगी. साथ ही कोविड अस्पतालों में कार्यरत चिकित्सकों, नर्सों, पैरा मेडिकल स्टाफ और सफाई कर्मियों को चाहे वह नियमित रूप से नियुक्त हों या आउटसोर्सिंग के आधार पर उनकी नियुक्ति हो, सभी को वर्तमान में दिए जा रहे मूल वेतन या मानदेय पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त प्रोत्साहन धनराशि दी जाएगी.