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प्राइवेट अस्पतालों में कोरोना मरीजों के खर्चे पर मरहम लगाएंगी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसियां

उत्तर प्रदेश में लगातार कोरोना वायरस के मामले बढ़ते जा रहे हैं. इसे देखते हुए सरकार ने कुछ प्राइवेट अस्पतालों में भी कोविड-19 के इलाज के लिए मंजूरी दे दी है. वहीं अब हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियां भी कोविड-19 को लेकर नए और लुभावने पैकेज लेकर आ रही हैं.

स्वास्थ्य भवन.
स्वास्थ्य भवन.

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Published : Jul 29, 2020, 3:02 PM IST

Updated : Oct 4, 2022, 1:26 PM IST

लखनऊ:कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है. इसकी रोकथाम के लिए प्रदेश सरकार लगातार प्रयत्नशील है. वहीं प्रदेश में बढ़ते कोरोना संक्रमितों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने प्राइवेट अस्पतालों को भी इलाज के लिए अनुमित दी है. इसके लिए एक राशि निर्धारित की गई है. इसके अंतर्गत प्राइवेट अस्पताल मरीजों का इलाज कर सकेंगे. साथ ही अब हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियां भी कोविड-19 को कवर कर रही हैं. इसके तहत हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियां नए और लुभावने पैकेज के साथ लोगों को अपनी ओर आकर्षित करने का काम शुरू कर चुकी हैं.

इस प्रक्रिया की जानकारी देते हुए कोरोना सर्वाइवर अंशिका ने बताया कि उनके पूरे परिवार में कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई थी. इसके लिए उन्हें और उनके पूरे परिवार को स्वास्थ्य विभाग द्वारा डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में भर्ती करवाया गया था, जहां पहले ही दिन से अस्पताल में काम कर रहे हेल्थ केयर वर्कर्स का रवैया बेहद सकारात्मक रहा. इसके अलावा कोविड-19 की जांच से लेकर अस्पताल में रहने और वापस घर आने तक किसी प्रकार का कोई खर्चा नहीं उठाना पड़ा.

अंशिका ने बताया कि उन्हें अस्पताल में किसी प्रकार की कोई तकलीफ नहीं हुई. सारी सुविधाएं अस्पताल द्वारा ही मुहैया करवाई गईं. भर्ती होने के 12 दिन बाद वे सब अस्पताल से डिस्चार्ज हुए, लेकिन मधुमेह के चलते अंशिका के ससुर को अस्पताल में ही रहना पड़ा. हालांकि डॉक्टरों के बेहतरीन इलाज और ख्याल रखने की वजह से कुछ दिनों में वह भी स्वस्थ होकर घर आ गए.

कोरोना सर्वाइवर नीरज मिश्रा बताते है कि उन्हें 18 जून को कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई थी. नीरज के साथ ही काम करने वाले 7 अन्य व्यक्तियों में भी संक्रमण की पुष्टि हुई थी. सभी को कोविड-19 अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती किया गया. इस दौरान अस्पताल में बिस्तर से लेकर दवाइयों के खर्च तक किसी प्रकार का कोई खर्चा नहीं उठाना पड़ा और डॉक्टरों का रवैया भी बेहद जिंदादिल रहा और 12 दिनों में ही सभी अस्पताल से कोरोना निगेटिव होकर घर लौट आए.

दरअसल, लगातार बढ़ रहे मरीजों की वजह से अब सरकार ने कुछ प्राइवेट अस्पतालों और क्वारंटाइन सेंटर में कोरोना मरीजों के इलाज की मंजूरी दे दी है. ईटीवी भारत को क्वारंटाइन सेंटर में इलाज करवा रहे मरीज ने बताया कि क्वारंटाइन सेंटर में एक दिन के रहने, खाने-पीने और दवाइयों का खर्चा 4800 रुपये के करीब आता है. यह खर्चा काफी महंगा है. इसलिए मरीज ने खुद को ही सेल्फ आइसोलेट किया है, जहां पर डॉक्टर प्रतिदिन आकर मरीज का इलाज करते हैं. इस लिहाज से मरीज के दवाइयों के साथ कोविड-19 जांच का खर्च बेहद कम आ रहा है. मरीज ने बताया कि उसे सेल्फ आइसोलेट रहने पर हफ्ते का खर्च 12 हजार उठाना पड़ा.

कोविड-19 की महामारी को देखते हुए अब हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियां भी कोविड-19 के लिए पॉलिसी लेकर आ रही हैं. प्राइवेट हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी के सीनियर सेल्स मैनेजर दानिश कमाल ने बताया कि हेल्थ इंश्योरेंस में अब कोविड-19 के लिए 'कोरोना कवच' नाम से एक पॉलिसी लॉन्च की है. इसमें कोरोना वायरस के संक्रमित मरीजों के लिए प्रीमियम सुविधाएं उपलबध् करवाई गई है. पॉलिसी के तहत 50 हजार से 5 लाख तक की इंश्योरेंस सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई हैं. यह प्रीमियम सुविधाएं 45 वर्ष तक के लिए और 46 वर्ष से 65 वर्ष तक के आयु के व्यक्तियों के लिए उपलब्ध करवाई गई हैं. दानिश कमाल ने बताया कि इंश्योरेंस पॉलिसी में पीपीई किट समेत अन्य डिस्पोजेबल टूल्स को भी शामिल कर रहे हैं, जिससे मरीजों के खर्चे को किसी न किसी रूप में बचा सकें.

सरकार द्वारा एनएबीएच सर्टिफाइड अस्पतालों में इलाज का खर्च 10 हजार से 18 हजार तक की राशि निर्धारित की गई है. वहीं जो अस्पताल एनएबीएच सर्टिफाइड नहीं है. उनमें 8 हजार से लेकर 15 हजार प्रतिदिन का खर्च निर्धारित किया गया है.

Last Updated : Oct 4, 2022, 1:26 PM IST

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