लखनऊः राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने शुक्रवार को राजभवन में कुपोषित एवं टीबी ग्रस्त बच्चों को गोद लेने के लिए प्रोत्साहन के संबंध में लखनऊ के स्ववित्त पोषित इंजीनियरिंग एवं प्रबन्ध संस्थानों के अध्यक्षों के साथ बैठक की. बैठक में उन्होंने कहा कि प्रदेश को टीबी मुक्त राज्य बनाने में तकनीकी संस्थान टीबी ग्रस्त बच्चों एवं अपने आस-पास के आंगनबाड़ी केन्द्रों को गोद लेकर उनके उत्थान में अग्रणी भूमिका निभा सकते हैं.
गरीब बच्चों की मदद पुण्य का काम
डाॅ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय उत्तर प्रदेश के तत्वावधान में आयोजित बैठक में आयोजित राज्यपाल ने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रों को मूलभूत सुविधाओं से सुसज्जित करने, बच्चों के पढ़ने एवं खेलकूद के सामान उपलब्ध कराकर गरीब बच्चों की मदद करना पुण्य का कार्य है. उन्होंने आशा व्यक्त की कि संस्थान के लोग सामाजिक सरोकार के इस कार्य में अपनी सहभागिता से कुपोषित एवं टीबी ग्रस्त बच्चों को निरोग एवं स्वस्थ बनाने में अपना अमूल्य योगदान देंगे.
कुपोषण से होता है टीबी, दोनों से है लड़ना
राज्यपाल ने कहा कि कुपोषण के कारण ही अधिकांश बच्चे टीबी ग्रस्त होते हैं. हमें टीबी के साथ-साथ कुपोषण से भी लड़ना है. इसके लिए आवश्यक है कि बच्चे स्वस्थ पैदा हों और यह तभी सम्भव होगा जब गर्भवती महिलाओं को पोषण युक्त भोजन दिया जाय. राज्यपाल ने कहा कि अब शिक्षकों को एक विषय विशेष की शिक्षा देने के स्थान पर बहु-विषयक शिक्षक की भूमिका अदा करनी होगी. उन्होंने संस्थानों के अध्यक्षों से कहा कि अब शिक्षकों की नियुक्ति में इस पक्ष पर विशेष ध्यान दें कि नियुक्त होने वाले नये शिक्षक कई विषयों के जानकार हों.
26 संस्थानों के अध्यक्ष 10- 10 बच्चे लेंगे गोद
बैठक में भाग लेने वाले लखनऊ के 26 तकनीकी संस्थाओं के अध्यक्षों ने कुपोषित एवं टीबी ग्रस्त 10-10 बच्चे गोद लेकर देखभाल की जिम्मेदारी ली. राज्यपाल के आग्रह पर इन संस्थानों के अध्यक्षों एवं निदेशकों ने अपने आस-पास स्थित 5-5 आंगनबाड़ी केन्द्रों को गोद लेने पर सहमति प्रदान की. जिलाधिकारी लखनऊ 5-5 आंगनबाड़ी केन्द्रों की सूची इन संस्थानों को उपलब्ध करायेंगे.
बैठक में 276 संस्थानों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे
इस अवसर पर राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव, महेश कुमार गुप्ता, अपर मुख्य सचिव प्राविधिक शिक्षा राधा एस चौहान, जिलाधिकारी लखनऊ अभिषेक प्रकाश, विशेष कार्याधिकारी (शिक्षा) केयूर सम्पत सहित लखनऊ के 26 स्ववित्त पोषित इंजीनियरिंग एवं प्रबन्ध संस्थानों के अध्यक्ष एवं निदेशक उपस्थित थे.