लखनऊ: कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप के बाद केंद्र सरकार ने एक बार फिर परिवहन विभाग से संबंधित सभी प्रपत्रों की वैधता बढ़ाने का फैसला लिया है. अब 30 जून के बजाय 30 सितंबर तक प्रपत्रों की वैधता जारी रहेगी. यह ऐसे प्रपत्र हैं जिनकी वैधता 1 फरवरी 2020 से समाप्त से समाप्त हो गई है या 30 सितंबर 2021 तक समाप्त हो जाएगी. सरकार ने इन प्रपत्रों की वैधता में अब और तीन माह की बढ़ोतरी कर दी है. इन प्रपत्रों में ड्राइविंग लाइसेंस, वाहनों के परमिट, फिटनेस व रजिस्ट्रेशन शामिल हैं.
पिछले साल बढ़ाई गई थी वैधता
पिछले साल 22 मार्च को लॉकडाउन लगा दिया गया था. इसके बाद सरकार ने 31 दिसंबर तक प्रपत्रों की वैधता में छूट दी थी. दिसंबर में जब कोरोना वायरस कंट्रोल नहीं हुआ तो एक बार फिर केंद्रीय परिवहन मंत्रालय ने तीन माह की छूट सीमा में बढ़ोतरी कर दी. सभी प्रपत्र 31 मार्च तक वैध माने गए. उसके बाद एक बार फिर कोरोनावायरस की दूसरी लहर आ गई. लगातार कोरोना के मरीज बढ़ते रहे ऐसे में एक बार फिर पर प्रपत्रों की वैधता में तीन माह का इजाफा कर दिया गया था. 31 मार्च तक दी गई छूट 30 जून तक जारी रहने का शासनादेश किया गया. अब फिर से तीन माह की प्रपत्रों की वैधता में बढ़ोतरी कर दी गई है. यानी अब सभी प्रपत्र 30 सितंबर तक वैध माने जाएंगे.
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कोरोना के कारण 30 सितंबर तक बढ़ाई गई डीएल और गाड़ी के लाइसेंस-परमिट की वैधता - vehicle permits
कोरोना के बढ़ते संक्रमण के कारण सरकार ने गाड़ियों से जुड़े दस्तावेज जैसे लाइसेंस, परमिट और डीएल की वैधता 30 सितंबर तक बढ़ा दी है. पहले इसे 30 जून तक के लिए बढ़ाया गया था, सरकार ने अब इसे 30 सितंबर तक बढ़ा दिया है.
आरटीओ लखनऊ
वाहन, डीएल संबंधी प्रपत्र वैध
वाहन और डीएल संबंधी सभी प्रपत्र चेकिंग के दौरान वैध माने जाएंगे. वैलिडिटी खत्म होने के बावजूद परिवहन विभाग के अधिकारी 30 सितंबर तक कोई भी कार्रवाई नहीं करेंगे. इसमें वाहनों की फिटनेस खत्म होने, लाइसेंस की वैधता समाप्त होने, टैक्स जमा करने, फिटनेस, रजिस्ट्रेशन और प्रदूषण सहित सभी तरह के कामों को छूट दी गई है.