लखनऊ : यूपी की स्वास्थ्य सेवाओं में तेजी से सुधार हो रहा है. आधुनिक इलाज की सुविधाएं से अस्पताल लैस किए जा रहे हैं. किडनी, लिवर समेत दूसरे अंगों का सफल ट्रांसप्लांट हो रहा है. रोबोटिक सर्जरी शुरू हो गई है. आबादी के लिहाज से स्वास्थ्य सेवाओं को और विस्तार देने की आवश्यकता है. यह बातें शनिवार को डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने कहीं.
Global Investors Summit 2023 : डिप्टी सीएम ने कहा-मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों के संचालन को मिलेगी रफ्तार
यूपी की स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए इन्वेस्टर समिट (Global Investors Summit 2023) के जरिए निवेश की व्यवस्था की जा रही है. इस कड़ी में शनिवार को उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने हेल्थ सेक्टर की संभावनाओं पर निवेशकों के साथ चर्चा की और निवेश के रास्ते सरल करने की बात कही.
शनिवार को इन्वेस्टर समिट में हेल्थ सेक्टर पर चर्चा हुई. उपमुख्यमंत्री ने कहा कि मरीजों को किफायती और आधुनिक इलाज उपलब्ध कराने में निवेशक आगे आएं. पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेज व अस्पतालों का संचालन की पॉलिसी बनाई गई है. इसे लागू किया जा रहा है. प्रत्येक जिले में मेडिकल कॉलेज खोले जा रहे हैं. मौजूदा समय में 35 राजकीय मेडिकल कॉलेजों का संचालन हो रहा है. 30 निजी मेडिकल कॉलेज चल रहे हैं. जल्द ही 14 जिलों में मेडिकल कॉलेजों के संचालन की प्रक्रिया प्रारंभ होगी. बाकी जिलों में मेडिकल कॉलेज का काम अंतिम दौर में है. प्रयोग के तौर पर सरकारी अस्पतालों को भी पीपीपी मोड पर चलाने की प्रक्रिया चल रही है. इसका फायदा सीधे मरीजों को मिलेगा. हेल्थ एटीएम अस्पतालों में लगाए जा रहे हैं. इससे ब्लड प्रेशर, डायबिटीज समेत दूसरी बीमारियों को शुरुआत में पकड़ने में मदद मिलेगी.
डिप्टी सीएम ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों का तेजी से विकास किया जा रहा है. सड़क, बिजली, पानी व यातायात की व्यवस्था दुरुस्त की गई है, ताकि निवेशकों को असुविधा से बचाया जा सके. प्रदेश में कानून व्यवस्था पहले से बेहतर हुई है. निवेशक बिना किसी भय के निवेश कर सकते हैं. सरकार निवेशकों को सुरक्षित माहौल मुहैया कराएगी. सरकार ने प्राइवेट अस्पताल खोलने की राह आसान बनाई है. क्लीनिकल इस्टैब्लिशमेंट एक्ट को लागू किया. इसके तहत अस्पतालों का पंजीकरण ऑनलाइन किया जा सकता है. गरीब मरीजों के लिए आयुष्मान योजना चल रही है. अधिक से अधिक प्राइवेट अस्पताल योजना के तहत पंजीकृत हो. इसमें मरीजों को मुफ्त इलाज मुहैया कराया जाता है. इसका भुगतान सरकार करती है.