लखनऊः योगी सरकार की उत्तर प्रदेश में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू किए जाने से पुलिस विभाग के अधिकारी उत्साहित हैं. सरकार के इस कदम को प्रदेश के पुलिस मुखिया के पदों पर रह चुके अधिकारियों ने क्रांतिकारी करार दिया है. योगी सरकार के इस फैसले की यह सभी पूर्व अधिकारी प्रशंसा कर रहे हैं.
71 शहरों में लागू थी कमिश्नर प्रणाली
उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी केएल गुप्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनकी सरकार को मुबारकबाद देना चाहूंगा. उन्होंने बहुत बड़ा फैसला लिया है. यह मसला वर्ष 1977 से चला रहा था. अंग्रेज तीन जगहों पर पुलिस कमिश्नर व्यवस्था छोड़ कर गए थे. कोलकाता, मुंबई और मद्रास में पुलिस कमिश्नर व्यवस्था लागू थी. आज देश के 71 शहरों में पुलिस कमिश्नर व्यवस्था लागू हो गई है. वहीं उत्तर प्रदेश में कमिश्नर की व्यवस्था लागू होने से पुलिस विभाग की जिम्मेदारी हो जाती है कि इन पदों पर अच्छे अफसरों की तैनाती की जाए.
40 लाख से अधिक आबादी पर लागू होगी ये प्रणाली
पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह का कहना है कि पुलिस कमिश्नर प्रणाली किसी क्रांति से कम नहीं है. आजादी के उपरांत इस प्रणाली को लागू करने के तमाम प्रयास किए गए. अब इसके शुभारंभ से स्पष्ट है कि यह जनहित के लिए एक अभिनव प्रयोग साबित होगा. जनता के लिए सारी सेवाएं जैसे शस्त्र लाइसेंस से लेकर पुलिस के संबंधित कार्यवाही होती है. इसमें एक्सक्यूटिव मजिस्ट्रेट के प्राधिकार प्राप्त होने के उपरांत वह सभी अधिकार पुलिस अधिकारियों में निहित हो जाएंगे.
इससे जनसेवा का नया आयाम स्थापित होगा. देश के 15 राज्यों में यह व्यवस्था बड़ी सफलता के साथ पहले से ही चल रही है.