उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

लखनऊ का जालसाज लेखपाल, भूमि आवंटन में हेरफेर कर बेटे को भी किया मालामाल, युवक को मृत दिखाकर हड़पी जमीन

राजधानी लखनऊ में जमीनों की जालसाजी के सैकड़ों उदाहरण हैं, लेकिन सरोजनीनगर तहसील में तैनात लेखपाल सुशील शुक्ला की कहानी अलग ही है. सुशील शुक्ला ने सारे नियम कायदे ताख पर रखकर जालसाजी में अपने बेटे को साझीदार बनाया और सरकारी जमीन हड़प कर 30 करोड़ की हेराफेरी कर डाली. प्रशासन का शिकंजा कसने के बाद अब भ्रष्टाचार की परतें खुल रही हैं.

Etv Bharat
Etv Bharat

By

Published : Jul 15, 2023, 10:13 PM IST

लखनऊ :आपने जमीनों के फर्जीवाड़े से जुड़ी तमाम कहानियां सुनी होंगी, लेकिन आज हम आपको जो कहानी सुनाने जा रहे हैं. वह अपने आप में न सिर्फ रोचक है, बल्कि सरकारी तंत्र की पोल खोलती है. राजधानी लखनऊ में एक मामले में कार्रवाई करते हुए अमौसी में तैनात लेखपाल सुशील कुमार शुक्ला को बर्खास्त कर दिया गया है. सुशील कुमार शुक्ला को यूंही बर्खास्त नहीं किया गया. इनके कारनामों की लंबी दास्तां है. जिस मामले में लेखपाल सुनील कुमार शुक्ला को बर्खास्त किया गया है. उसकी जांच अभी भी चल रही है.

जालसाज लेखपाल का मददगार.

फिलहाल सुशील कुमार शुक्ला को दोषी पाए जाने के बाद उसे बर्खास्त कर दिया गया है. जानकारी के अनुसार सुशील कुमार शुक्ला ने अमौसी स्थित 60 बीघा जमीन पर खेल किया. अमौसी गांव स्थित लगभग 60 बीघा सरकारी जमीन पर पहले फर्जी तरीके से पट्टा किया गया और फिर इसके बाद इस जमीन पर 103 लोगों को कब्जा दे दिया गया. 103 तीन लोगों में एक नाम विशाल तिवारी भी है. जिनके नाम पर भी सरकारी जमीन ट्रांसफर की गई. कुछ समय बाद विशाल तिवारी ने लेखपाल के बेटे परितोष तिवारी को यह जमीन गिफ्ट डीड के तहत तोहफे में दे दी. बाद में जब अमौसी एयरपोर्ट का विस्तार हुआ तो इस जमीन की लागत 30 करोड़ लगाई गई. जिसे लेखपाल के बेटे पारितोष के खाते में भेज दिया गया.

रिकवरी की नोटिस.




लेखपाल सुशील कुमार शुक्ला का यह सिर्फ एकमात्र कारनामा नहीं है. इससे पहले भी सुशील कुमार शुक्ला व उसके बेटे के ऊपर फर्जी तरह से जमीन हड़पने के मामले में एफआईआर दर्ज हो चुकी है. 28 मई 2023 को दर्ज एफआईआर के तहत लेखपाल सुशील कुमार शुक्ला ने एक व्यक्ति को मृत दिखाते हुए एक महिला को उसकी फर्जी पत्नी बनाया. इसके बाद उसकी जमीन को महिला के नाम पर ट्रांसफर कर दिया. मामले के उजागर होने के बाद लेखपाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई. गौर करने वाली बात यह है कि आरोपी लेखपाल सुशील कुमार शुक्ला लेखपाल संघ की लखनऊ यूनिट चार बार अध्यक्ष भी रहा है. जिस जमीन को बेटे के नाम ट्रांसफर कर मुआवजा लिया गया है. वह जमीन अमौसी औद्योगिक क्षेत्र के क्लास ए के तहत आती है.

यह भी पढ़ें : Tahsil Diwas : खराब सड़क बनाई नहीं फिर भी लगा दी फाइनल रिपोर्ट, डीएम ने लगाई फटकार

ABOUT THE AUTHOR

...view details