लखनऊ: फ्लिकर ब्रदर्स हरियाणा ने 32वीं आल इंडिया केडी सिंह बाबू सब जूनियर बालक (अंडर-14) प्राइजमनी हॉकी टूर्नामेंट के रोमांचक फाइनल में पिछली विजेता मेजबान यूपी ग्रेस को पेनाल्टी शूटआउट में 5-4 से हराते हुए खिताब जीत लिया. विजयंत खंड गोमतीनगर स्थित पद्मश्री मो. शाहिद सिंथेटिक हॉकी स्टेडियम में खेले जा रहे टूर्नामेंट में तीसरे स्थान पर हॉकी हरियाणा की टीम रही.
सोमवार को खेले गए फाइनल मुकाबले में दोनों ही टीमों ने एक-दूसरे के गोल पोस्ट पर आक्रमण शुरू कर दिए. मैच का पहला गोल फ्लिकर ब्रदर्स से गुरशान सिंह ने 20वें मिनट में प्रतिद्वंद्वी गोलकीपर के खिलाफ करारा शॉट खेलकर दागा. मुकाबले के अंत में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यहां विजेता और उपविजेता टीम के खिलाड़ियों को पुरस्कृत करके उन का मान बढ़ाया. यूपी ग्रेस की टीम ने बराबरी की कोशिश की, लेकिन उसके खिलाड़ी प्रतिद्वंद्वी के डिफेंस को भेद नहीं सके. यूपी के लिए बराबरी का गोल खेल के 46वें मिनट में मिले पेनाल्टी स्ट्रोक पर मो. अता ने किया. हालांकि ये बराबरी ज्यादा देर तक नहीं रही.
केडी सिंह बाबू हॉकी टूर्नामेंट फ्लिकर ब्रदर्स से दमनदीप सिंह ने 49वें मिनट में मिले पेनाल्टी कार्नर पर गोल दाग टीम की बढ़त 2-1 कर दी. हालांकि जब लग रहा था कि फ्लिकर ब्रदर्स जीत जाएगी कि तभी 59वें मिनट में प्रतिद्वंद्वी के फाउल पर यूपी ग्रेस को पेनाल्टी कार्नर मिला जिस पर समद खान ने मैदानी गोल दाग टीम को बराबरी दिला दी. निर्धारित समय में मैच का परिणाम न मिलने पर पेनाल्टी शूटआउट का सहारा लिया गया. इसमें फ्लिकर ब्रदस्र से मानव, दमनदीप और नीरज ने गोल दागे, जबकि यूपी ग्रेस से शिवम यादव व समद खान ही गोल दागने में सफल हो सके. इसके सहारे फ्लिकर ब्रदर्स ने 5-4 से खिताब जीत लिया.
केडी सिंह बाबू हॉकी टूर्नामेंट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 32वीं अखिल भारतीय केडी सिंह बाबू सब जूनियर हॉकी प्रतियोगिता के समापन के अवसर पर संबोधित किया. उन्होंने कहा कि जब भी खिलाड़ी खेलता है तो वह केवल अपने लिए नहीं खेलता. वह देश के लिए खेलते हुए बहुत कुछ संदेश देकर जाता है. जब इन बच्चों के प्रदर्शन को केडी सिंह बाबू की आत्मा देख रही होगी तो वह अत्यन्त प्रफुल्लित हो रही होगी कि जो उन्होंने सोचा था, उसको वर्तमान पीढ़ी किसी न किसी रूप में आगे बढ़ाने का कार्य कर रही है.मुख्यमंत्री ने कहा कि हाकी के लिए हमें बढ़-चढ़कर प्रयास करना चाहिए. उत्तर प्रदेश इसकी आधार भूमि रही है. मेजर ध्यानचंद और केडी सिंह बाबू के अलावा मो. सादिक, रविंद्र पाल, सैयद अली, आरपी सिंह, सुजीत कुमार, रजनीश मिश्रा, मो. सकील, देवेश चौहान, एनपी सिंह, जगवीर सिंह, विवेक सिंह, राहुल सिंह, तुषार खांडेकर, दानिश मुर्तजा, ललित उपाध्याय, प्रेम माया, रंजना श्रीवास्तव, मंजू बिष्ट, पुष्पा श्रीवास्तव, रजनी जोशी, वंदना कटारिया, ऋतुजा आर्या सहित अनेक खिलाड़ियों न केवल प्रदेश में बल्कि देश-विदेश में भी हाकी के माध्यम गौरव को आगे बढ़ाने का कार्य किया है.हम सब जानते हैं कि केडी सिंह बाबू ने हाकी के माध्यम से उत्तर प्रदेश के गौरव को न सिर्फ आगे बढ़ाया, बल्कि जब उत्तर प्रदेश का खेल निदेशालय गठित हुआ तब पहले खेल निदेशक के रूप में खेल की गतिविधियों को बड़ी मजबूती के साथ आगे बढ़ाया. इसके बाद खेलकूद की गतिविधियों का केंद्र उत्तर प्रदेश बना. आज हम उनके शताब्दी वर्ष के आयोजन से जुड़ रहे हैं. यह केडी सिंह बाबू के प्रति हमारी श्रद्धांजलि है. उन्होंने कहा कि दुनिया को हाकी भारत की देन है. एक समय हाकी में भारत का दबदबा था. आजादी के बाद 1948 और 1952 में ओलम्पिक में भारत ने हाकी में गोल्ड मेडल जीता था. यह भी पढ़ें:योगी सरकार 100 दिनों में 50 हजार लोगों को देगी रोजगार
मुख्यमंत्री ने कहा कि दो वर्ष कोरोना से जूझते हुए व्यतीत हुए. भारत में प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में जीवन और जीविका को बचाने का प्रबंध किया गया. इस दौरान खेलकूद और शिक्षण की गतिविधियों को चलाने में कठिनाई हुई. जब विगत वर्ष ओलम्पिक में आजादी के बाद से सबसे बड़ा दल गया और वर्षों बाद अच्छा प्रदर्शन किया. हमने पदक जीतने वाले और उत्तर प्रदेश के खिलाड़ियों को सम्मानित किया और यही कार्य हमने पैरा ओलम्पिक में भी किया.
मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरठ में मेजर ध्यानचंद के नाम पर पहला खेल विश्वविद्यालय बनाया जा रहा है. यही नहीं खेल-खिलाड़ियों के प्रोत्साहन के लिए अनेक कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. वर्तमान में प्रदेश में तीन स्पोर्ट्स कॉलेज संचालित हैं. ओलम्पिक में एकल प्रतियोगिता में गोल्ड जीतने पर 6 करोड़, सिल्वर जीतने पर 4 करोड़ और ब्रांज मेडल जीतने पर 2 करोड़ और टीम गेम्स में स्वर्ण जीतने पर 3 करोड़, रजत जीतने पर 2 करोड़ और कांस्य जीतने पर 1 करोड़ रुपये प्रदेश सरकार दे रही है.
इस अतिरिक्त ओलम्पिक खेलों में प्रतिभाग करने वालों को 10 लाख रुपये उपलब्ध कराते हैं. इसी प्रकार एशियन गेम्स और कामनवेल्थ खेलों के लिए भी प्रोत्साहन राशि की व्यवस्था की गई है. प्रदेश में खेल को आगे बढ़ाने के लिए हर तरह के प्रयास किए जा रहे हैं. अंत में मुख्यमंत्री ने जीतने वाली टीम को बधाई दी और उपविजेता टीम को प्रोत्साहित किया.
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