लखनऊः एलडीए (लखनऊ विकास प्राधिकरण) की तरफ से चल रही गोपनीय जांच में एक बार फिर से भूखंड घोटाले का जिन्न बाहर निकला है. जिसकी जानकारी मिलते ही एलडीए के उपाध्यक्ष अभिषेक प्रकाश के निर्देशन में मुकदमा दर्ज करा दिया गया. प्राधिकरण को मिली शिकायत के बाद प्राधिकरण सचिव पवन सिंह गंगवार के निर्देशन में नजूल अधिकारी आनंद कुमार सिंह की तरफ से यह जांच की जा रही थी, जिसमें भूखंड घोटाले की बात सामने आई है.
छह पर मुकदमा दर्ज
जांच रिपोर्ट मिलते ही एलडीए सचिव के निर्देश पर तहसीलदार राजेश शुक्ला ने भूखंडों की खरीद-फरोख्त में शामिल छह लोगों के खिलाफ गोमती नगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया है. मुकदमा दर्ज कर गोमती नगर पुलिस ने अपनी जांच शुरू कर दी है. पुलिस को अंदेशा है कि इस घोटाले के तार एलडीए में बैठे अफसर व कर्मियों तक जुड़ेंगे. इसके अलावा यह सवाल भी उठ रहे हैं कि अगर तीन प्लॉट खाली थे तो दशकों पुरानी ट्रांसपोर्ट नगर योजना के भूखंडों को किस मकसद से नीलामी में नहीं लगाया जा रहा था. हालांकि लखनऊ पुलिस ने अब जांच शुरू कर दी है. उम्मीद है कि परत दर परत ऐसे कई सवाल सामने आएंगे, जिसके उत्तर जैसे-जैसे मिलेंगे लखनऊ विकास प्राधिकरण के तत्कालीन अधिकारी व कर्मचारी फंसते हुए नजर आएंगे.
किन भूखंडों का मिला घोटाला?
लखनऊ विकास प्राधिकरण की विभागीय जांच के बाद निकले तीन भूखंड पर लखनऊ विकास प्राधिकरण ने अपना कब्जा ले लिया है. सचिव के निर्देश पर तहसीलदार राजेश शुक्ला ने मौके पर पहुंचकर प्लॉट संख्या f-92, f-250 और f-340 एलडीए का कब्जा करा दिया है. वहीं 140 वर्ग मीटर के प्लॉट पर एलडीए की ओर से अपने मालिकाना हक का नोटिस भी लगा दिया है. राजेश शुक्ला ने बताया कि एक प्लॉट पर अवैध निर्माण चल रहा था. जिसे एलडीए द्वारा सील किया जा चुका है. जबकि दो अन्य भूखंडों को भी कब्जे में ले लिया है.