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'खाकी' की पुकार, 'मुझे इंसाफ़ दे दो सरकार' !

उत्तर प्रदेश में सरकार महिलाओं की सुरक्षा और उनके सम्मान के लिए कई कदम उठा रही है. इन सबके बीच उत्तर प्रदेश के पुलिस विभाग में कार्यरत महिला कर्मचारी खुद प्रताड़ित होने का आरोप लगा रही हैं. उनका कहना है कि उन्हें इंसाफ चाहिए. इन मामलों को लेकर पेश है ये स्पेशल रिपोर्ट.

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खाकी मांगे इंसाफ

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Published : Nov 23, 2020, 7:49 PM IST

Updated : Nov 23, 2020, 10:45 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के दो जिलों से ऐसे मामले सामने आए हैं जहां महिला पुलिसकर्मी खुद इंसाफ़ की गुहार लगा रही हैं. दोनों महिला पुलिसकर्मियों का आरोप है कि उनका ही विभाग उनकी नहीं सुन रहा.

'खाकी' मांगे इंसाफ

एक मामला शामली से है जबकि दूसरा कानपुर जिले से सामने आया है. शामली में एक महिला सब इंस्पेक्टर ने अपने ही सीनियर पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है तो वहीं कानपुर में महिला पुलिसकर्मी ने योगी सरकार से इंसाफ की मांग की है.

खाकी मांगे इंसाफ

सब इंस्पेक्टर अंजू शामली जिले के कैराना में एंटी रोमियो टीम की प्रभारी थीं...एंटी रोमियो स्क्वॉयड का गठन मुख्यमंत्री पद संभालते ही योगी आदित्यनाथ ने किया था. मकसद था कि यूपी में महिलाएं सुरक्षित रहें. पुलिस की यह टीम महिलाओं की हिफाजत करे. लेकिन इस टीम की महिला सब इंस्पेक्टर अंजू खुद ही इंसाफ की गुहार लगा रही हैं. वह कह रही हैं कि उन्हें उनके विभाग के अधिकारी ही प्रताड़ित करते हैं.

खाकी मांगे इंसाफ

सब इंस्पेक्टर अंजू की शिकायत है कि कोतवाली इंचार्ज ड्यूटी के दौरान उन्हें परेशान करते हैं. सबके सामने उन्हें निकम्मा कहा जाता है.

अंजू की शिकायत का यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. अंजू कैराना कोतवाली में तैनात थीं. वायरल वीडियो में अंजू आरोप लगा रही हैं कि कोतवाली प्रभारी निरीक्षक प्रेमवीर राणा ड्यूटी के दौरान उन पर बेवजह का दबाव बनाते हैं. अंजू का आरोप है कि वे नियमित तौर पर 16 से 17 घंटे की ड्यूटी करती हैं बावजूद इसके सभी स्टाफ के सामने कोतवाली प्रभारी उन्हें निकम्मा कहते हैं.

वीडियो के वायरल होते ही महकमे में हड़कंप मच गया. आनन-फानन में मामले की जांच के आदेश दे दिए गये.

मामला तूल पकड़ता देख डीएम-एसपी ने अंजू को बुलाकर उसकी शिकायतों को सुना और फिर इसके बाद मामले की जांच अपर पुलिस अधीक्षक यानि कि एएसपी राजेश कुमार श्रीवास्तव को सौंप दी गयी.

मामले की निष्पक्ष जांच का हवाला देते हुए एसपी ने महिला दारोगा अंजू और आरोपी कोतवाल को उनके पद से हटा दिया है. आरोपी कोतवाल प्रेमवीर राणा को पुलिस कार्यालय से अटैच कर दिया गया है. कैराना कोतवाली से हटाकर अंजू को महिला थाने भेज दिया गया है. सवाल है कि आंसू पोछने वालों की आंखों से ही जब आंसू छलकने लगेंगे तब आम लोगों की हिफाजत कैसे होगी.

खाकी मांगे इंसाफ

कानपुर में एक महिला सिपाही इंसाफ की गुहार लगा रही है. मीरा देवी इटावा के बकेवर थाने में तैनात हैं. मीरा ने कानपुर नगर थाना में 7 जून 2019 को अपने ही पति के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया. महिला सिपाही का आरोप है कि मुकदमा दर्ज होने के बाद भी पुलिस ने उनकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की. मीरा आरोप लगाती हैं कि शादी के बाद उसके पति जितेंद्र की नजर उसकी सैलरी पर पड़ गयी. मीरा ने इसे बर्दाश्त कर लिया. आगे चलकर मीरा दो बच्चों की मां भी बन गयी लेकिन उसके पति की हरकतों में कोई सुधार नहीं हुआ. मीरा कहती हैं कि 21 सितंबर की रात में उसके पति ने अपने ही बच्चों को जान से मारने की कोशिश की. इस बारे में मीरा ने बर्रा थाने में शिकायत भी दर्ज करायी लेकिन कार्रवाई नहीं हुई

'मुझे इंसाफ दे दो सरकार'

महिला कॉन्स्टेबल मीरा की शादी साल 2001 में जितेंद्र के साथ हुई थी. जितेंद्र चिकन-मटन बेचने का कारोबार करता है. 1995 तक राजनीति में किस्मत आजमाने वाली मीरा देवी 1997 में पुलिस की नौकरी में आ गयीं. मीरा का आरोप है कि शादी के बाद से ही उनका पति उन्हें प्रताड़ित करता है. अपने पति पर वो सेक्स रैकेट चलाने का भी आरोप लगाती हैं. मीरा का कहना है कि उनका पति उन्हें जान से मार देना चाहता है.

अब इस मामले में हकीकत क्या है यह पुलिस की जांच के बाद ही पता चलेगा. मीरा देवी के आरोपों की हकीकत पुलिस की जांच पूरी होने पर ही सामने आएगी लेकिन इंसाफ की गुहार लगाते वायरल हो रहे इस वीडियो ने पुलिस विभाग की नींद जरुर उड़ा दी है.

Last Updated : Nov 23, 2020, 10:45 PM IST

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