लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार ने न्यायालयों की सुरक्षा और फास्ट ट्रैक कोर्ट के माध्यम से मुकदमों के तेजी से निस्तारण की व्यवस्था सुनिश्चित करने की रणनीति तैयार की है. सरकार द्वारा पेश किए गए बजट में इस विषय में कई प्रावधान किए गए हैं. तमाम जिलों में पायलट प्रोजेक्ट के आधार पर फास्ट ट्रैक कोर्ट के साथ ही न्यायालय की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरा और हाईटेक सर्विलांस सिस्टम विकसित किया जाएगा.
दरअसल न्यायालयों की सुरक्षा और मुकदमों के निस्तारण को लेकर पिछले महीने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समीक्षा बैठक की थी. जिसमें यह बात सामने आई थी कि इस ओर और अधिक ध्यान दिए जाने की जरूरत है. इसके बाद राज्य सरकार के वित्तीय वर्ष 23-24 के बजट में यह प्रावधान किया गया है. सरकार ने पायलट प्रोजेक्ट के अंतर्गत फास्ट ट्रेक कोर्ट के माध्यम से राजस्व क्रिमिनल सिविल और अन्य लंबित वादों की संख्या में मुकदमों के निस्तारण की प्रक्रिया को तेज करने का फैसला किया है. इसके लिए करीब 1 दर्जन से अधिक जिलों को पायलट प्रोजेक्ट के माध्यम से जोड़ा जाएगा और वहां पर फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाए जाएंगे. रेवेन्यू, सिविल, क्रिमिनल और अन्य मुकदमों के निस्तारण की अलग-अलग कोर्ट बनाई जाएंगी. मुकदमों के निस्तारण में तेजी लाने के लिए बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ-साथ स्टाफ आदि की तैनाती का काम भी कराया जाएगाय
इसके अलावा मानीटरिंग की पारदर्शी व्यवस्था लागू करने के उद्देश्य से सीसीटीवी कैमरे उनकी हाईटेक मॉनिटरिंग और न्यायाधीशों की सुरक्षा के लिए बजट में प्रावधान किए गए हैं. मुख्य रूप से जो प्रावधान किए गए हैं. उसके अनुसार पायलट प्रोजेक्ट के अंतर्गत फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाने के लिए 700 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित की गई है. इसके अलावा 100 करोड़ रुपये न्यायालयों में सीसीटीवी कैमरा एवं अन्य सुरक्षा से संबंधित उपकरण के लिए यह धनराशि का उपयोग किया जाएगा. इसके अलावा राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, प्रयागराज की स्थापना के लिए बजट में सरकार ने 103 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित की है. साथ ही प्रदेश के न्यायालयों के अनावासीय भवनों के निर्माण के लिए 420 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
हाईकोर्ट न्यायालय के न्यायाधीशों के आवासीय भवनों के निर्माण के लिए 150 करोड़ रुपये की व्यवस्था भी प्रस्तावित है. इसके अलावा उत्तर प्रदेश अधिवक्ता कल्याण निधि से संबंधित कल्याणकारी स्टाम्पों की बिक्री की शुद्ध प्राप्ति का अन्तरण किए जाने के लिए वित्तीय वर्ष 2023 24 में 6 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है. साथ ही उत्तर प्रदेश अधिवक्ता कल्याण निधि न्यासी समिति को अनुदान के लिए 20 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है. न्याय विभाग के प्रमुख सचिव प्रमोद श्रीवास्तव ने कहा कि न्यायालयों की सुरक्षा और जिलों में मुकदमों के निस्तारण के लिए बजट में कई प्रावधान किए गए हैं. आने वाले समय में इस दिशा में वित्तीय स्वीकृति के साथ ही इस काम को आगे बढ़ाया जाएगा. मुकदमों का निस्तारण और न्यायालय की सुरक्षा सरकार के सर्वोच्च प्राथमिकता में है इस काम को जल्द से जल्द पूरा कराया जाएगा.
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