आगरा:ताजनगरी में कोरोना काल में नकली स्टेरॉयड इंजेक्शन (Fake Steroid Injection) बेचे गए थे. औषधि विभाग () की टीम ने नकली दवाओं की खरीद-फरोख्त का बड़ा खुलासा किया है, जिसमें नकली डेका-ड्यूरोबोलिन इंजेक्शन बेचने का खुलासा हुआ है. औषधि विभाग और पुलिस की गुरुवार देर रात तक हिरासत में लिए गए तीन लोगों से पूछताछ चली, जिसमें आरोपियों ने खुलासा किया कि नकली स्टेरॉयड इंजेक्शन आगरा के साथ ही वाराणसी, लखनऊ और कानपुर की फर्मों को भी बिक्री किए गए. औषधि निरीक्षक का कहना है कि हिरासत में लिया गया एक व्यक्ति बिचौलिया और बुकी है.
औषधि निरीक्षक नरेश मोहन दीपक ने बताया, कर्नाटक की रिद्धि-सिद्धि फार्मा ने 21अप्रैल-2021 को फव्वारा के मुबारक महल स्थित राजू ड्रग हाउस को डेका- ड्यूराबोलिन-50 एमजी इंजेक्शन बेचे थे. राहुल नाम के व्यक्ति ने 2600 इंजेक्शन खरीदकर राजू ड्रग हाउस के नाम से बिल बनवाए थे, जिसका कम्प्यूटराइज्ड बिल 5 लाख 27 हजार 800 रुपये का बनाया गया. राजू ड्रग हाउस ने इंजेक्शन फव्वारा के माधव ड्रग हाउस को इंजेक्शन बेच दिए. फिर माधव ड्रग हाउस ने नकली इंजेक्शन होने पर राजू ड्रग हाउस को लौटा दिए और इसकी जानकारी औषधि विभाग को दी.
छापेमारी से खलबली
औषधि विभाग की टीम ने गुरुवार रात पुलिस के साथ फव्वारा के दवा बाजार में छापा मारा, जिससे बाजार में खलबली मच गई. टीम ने राजू ड्रग हाउस के संचालक से पूछताछ की तो पता चला कि उसने नकली इंजेक्शन हेमा मेडिकल स्टोर के हिमांशु अग्रवाल को बेच दिए थे. औषधि विभाग की टीम ने हिमांशु अग्रवाल से पूछताछ की तो उसने बताया कि उसने इंजेक्शन वाराणसी, लखनऊ और कानपुर की फर्मों को बेचे हैं. अब औषधि विभाग की टीम नकली इंजेक्शनों की रिकवरी में जुट गई है.