लखनऊ: संतकबीरनगर के पूर्व सांसद शरद त्रिपाठी (Sharad Tripathi Passed Away) का बुधवार की रात गुरुग्राम के मेदांता हॉस्पिटल में निधन हो गया. वह करीब 50 वर्ष के थे. बताया जा रहा है कि लम्बे समय से बीमार चल रहे थे. शरद त्रिपाठी लंबे समय से बीमार चल रहे थे. उनके निधन से शोक की लहर है. भाजपा के तमाम नेताओं ने शोक संवेदना व्यक्त की है. पीएम मोदी और सीएम योगी ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है.
संतकबीरनगर लोकसभा सीट से पूर्व सांसद शरद त्रिपाठी का निधन हो गया है. वे गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती थे. लिवर में दिक्कत के चलते इलाज के लिए उन्हें भर्ती कराया गया था. लेकिन बुधवार देर रात उन्होंने दम तोड़ दिया और इस दुनिया को अलविदा कह चले गए. उनके निधन की खबर से राजनीतिक गलियारों में शोक की लहर है. बीजेपी के कई बड़े नेता ट्वीट कर उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं.
पीएम और सीएम ने ट्वीट कर दी श्रद्धांजलि
पीएम मोदी ने ने ट्वीट कर कहा है कि, 'श्री शरद त्रिपाठी के असामयिक निधन ने मुझे और साथ ही कई अन्य लोगों को भी दुखी किया है. उन्हें समाज की सेवा करना और गरीबों के लिए काम करना पसंद था. उन्होंने संत कबीर दास जी के आदर्शों को लोकप्रिय बनाने के लिए अद्वितीय प्रयास किए. उनके परिवार और समर्थकों के प्रति संवेदना.'
वहीं सीएम योगी ने ट्वीट कर कहा है कि संतकबीरनगर से भाजपा के पूर्व सांसद शरद त्रिपाठी का असामयिक निधन अत्यंत दुःखद है. प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि शोकाकुल परिजनों को यह दारुण दुःख सहने की शक्ति व दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान प्रदान करें. ॐ शांति.
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने ट्वीट कर लिखा है कि मैं निशब्द हूं. ऐसा लगता अभी बोल उठेगा शरद 'चल दीदी क्षेत्र में कार्यक्रम करना है'. चला गया , प्रभु की यही इच्छा थी. ईश्वर शरद त्रिपाठी जी की आत्मा को शांति दें , अपने श्री चरणों में स्थान दें.
वहीं यूपी बीजेपी प्रमुख स्वतंत्र देव सिंह ने भी अपने साथी के जाने पर शोक व्यक्त किया है. वे लिखते हैं कि संतकबीरनगर से पूर्व सांसद व भाजपा के वरिष्ठ नेता श्री शरद त्रिपाठी जी के निधन के समाचार से स्तब्ध हूं. ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दे व परिजनों को यह दुःख सहने का संबल प्रदान करे.
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मूल रूप से गोरखपुर के थे निवासी
शरद त्रिपाठी मूल रूप से गोरखपुर के रहने वाले थे. खजनी तहसील क्षेत्र में उनका पैतृक निवास है. वह परिवार के साथ गोरखपुर महानगर में रहते थे. उनके पिता रमापति राम त्रिपाठी 2007 से 2010 तक भाजपा के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं. शरद अपने पीछे भरा पूरा परिवार छोड़ गए हैं.
जूता कांड ने सुर्खियों में लाया
शरद ने 2014 का लोकसभा चुनाव संतकबीरनगर से जीता था. 2019 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले मार्च महीने में जिला योजना की बैठक के दौरान उनका संतकबीरनगर की मेंहदावल सीट से भाजपा विधायक राकेश सिंह बघेल से विवाद हो गया था. कलेक्ट्रेट सभागार में तत्कालीन सांसद और विधायक के बीच मारपीट हुई थी। यह मामला जूताकांड के नाम से काफी उछला था. बाद में पार्टी ने संतकबीरनगर से उनका टिकट काटकर प्रवीण निषाद को दिया था. उनके पिता रमापति राम त्रिपाठी तो देवरिया से मैदान में उतारा गया. वह चुनाव जीते और वर्तनाम में सांसद हैं.