लखनऊःप्रदेश में बिजली कर्मचारियों की हड़ताल से संकट गहराता ही जा रहा है. एक तरफ ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक सहित विभिन्न संगठनों के नेताओं को वार्ता के लिए बुलाया. वहीं, दूसरी तरफ संयोजक शैलेंद्र दुबे सहित 22 नेताओं पर हजरतगंज थाने में एफआईआर दर्ज होने की कार्रवाई शुरू हो गई. अभी वार्ता खत्म भी नहीं हुई कि हजरतगंज कोतवाली में हड़ताल करने वाले इन 22 नेताओं और अधिकारियों पर केस दर्ज हो गया. शनिवार को ऊर्जा मंत्री और नेताओं के बीच तकरीबन 3:30 घंटे तक वार्ता चली. लेकिन, इसका कोई हल नहीं निकल सका और वार्ता विफल हो गई.
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में बिजली कर्मचारी गुरुवार रात 10 बजे के बाद से 72 घंटों की हड़ताल पर हैं. ऐसे में पूरे प्रदेश में बिजली संकट गहरा गया. हड़ताल कर रहे कर्मचारी वापस काम पर लौट आएं, इसके लिए सरकार ने उनसे वार्ता भी की. उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा और विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे सहित विभिन्न संगठनों के नेताओं के बीच 3 बार वार्ता हुई. लेकिन, इसका कोई हल नहीं निकल सका.
देर शाम ऊर्जा मंत्री के आवास पर संगठन के नेता अपनी मांगें मनवाने के लिए वार्ता कर रहे थे. उधर, हजरतगंज कोतवाली में इन्हीं 22 नेताओं पर मुकदमा दर्ज हो गया. इस बीच पुलिस उनकी तलाश में ऊर्जा मंत्री के आवास पर जा पहुंची. ऊर्जा मंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर शनिवार दोपहर में ही साफ कर दिया था कि 22 नेताओं पर एस्मा के तहत कार्रवाई की गई है.