लखनऊः इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल-2021 और निजीकरण के विरोध में गुरुवार को उत्तर प्रदेश समेत देश के 15 लाख बिजली कर्मचारी और इंजीनियर कार्य बहिष्कार पर रहे. राजधानी के शक्ति भवन पर बुधवार को काफी संख्या में विभागीय अधिकारी और कर्मचारी सरकार की इस नीति के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने पहुंचे. इस दौरान संगठन के पदाधिकारियों ने पावर कारपोरेशन प्रबंधन को ज्ञापन भी सौंपा.
प्रदर्शन कर सरकार को दी चेतावनी
केन्द्र और राज्य सरकारों की निजीकरण की नीति के विरोध में एवं अन्य प्रमुख समस्याओं के समाधान के लिए सभी उर्जा निगमों में कार्य बहिष्कार किया गया. उत्पादन, पारेषण और सिस्टम ऑपरेशन में पाली में कार्य करने वाले कर्मी सांकेतिक कार्य बहिष्कार से अलग रहे. विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने इस आन्दोलन के समर्थन में हिस्सा लेने का पहले ही एलान किया था.