लखनऊ : उत्तर प्रदेश में पिछले 4 सालों से बृहद पैमाने पर जुलाई माह में पौधारोपण किया जा रहा है. पर्यावरण को बचाने और वन क्षेत्र को बढ़ाने के लिए योगी सरकार लगातार प्रयासरत है. इस वर्ष 30 करोड़ वृक्षारोपण का लक्ष्य रखा गया है. इस संबंध में मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने सभी विभागों के प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देशित किया कि वृक्षारोपण के लिए निर्धारित लक्ष्य को पूरा करने के लिए सभी जरूरी इंतजाम समय से पूरे कर लिए जाएं.
प्रदेश में होगा 30 करोड़ पौधारोपण, जानिए कितने विभाग दे रहे सहयोग भूमि का चयन व अग्रिम मृदा कार्य समेत अच्छी गुणवत्ता के पौधों की पर्याप्त उपलब्धता भी सुनिश्चित करने के उन्होंने निर्देश दिए. प्रत्येक जनपद में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला वृक्षारोपण समिति की बैठक तत्काल की जाए. यह भी निर्देश दिया कि इस बार 88 प्रजातियों के पौधे का रोपण किया जाएगा. वहीं, इस पौधारोपण का मुख्य नोडल विभाग वन विभाग को बनाया गया है.
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उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने पिछले साल जहां 25 करोड़ पौधारोपण कर एक विश्व रिकॉर्ड बनाया था. वहीं, सरकार पिछले साल के इस रिकॉर्ड को भी ध्वस्त करने की तैयारी में है. इस बार 30 करोड़ पौधारोपण का लक्ष्य रखा गया है जिसमें 10.8 करोड़ पौधे ग्रामीण विकास विभाग के द्वारा किया जाएगा. वहीं, पौधारोपण अभियान को सफल बनाने के लिए प्रदेश के 30 विभाग को अलग-अलग लक्ष्य दिया गया है. उन्हें मुख्य सचिव द्वारा जरूरी निर्देश भी दिए गए हैं.
मुख्य वन संरक्षक मुकेश कुमार ने बताया है कि इस बार वृक्षारोपण का प्रमुख लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इस पर पौधारोपण में सहजन और महुआ के वृक्ष पर्याप्त मात्रा में लगाए जा रहे हैं. महुआ से जहां पोषण मिलता है और उसकी मदद से कुपोषण जैसी समस्या दूर होती है तो वहीं सहजन के पौधे को एक औषधि पौधा माना जाता है. इस पौधे का हर अंग काफी फायदेमंद होता है.
मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि पौधारोपण के माध्यम से लगने वाले सभी पेड़ों की जियो टैगिंग की जाए. इससे पौधों की स्थिति को भी देखा जा सकेगा. इस बार बृहद पैमाने पर पौधारोपण के लिए वन विभाग के सहयोग से 1755 नर्सरीओं में 42 करोड़ पौधे तैयार किए गए हैं.