लखनऊ: प्रदेश की सभी क्रियाशील मंडियों में ई-मंडी और ई-गवर्नेंस व्यवस्था लागू - राज्य कृषि उत्पादन
प्रदेश और केंद्र सरकार किसानों की समस्याओं को लेकर काफी गंभीर है.यही कारण है कि लगातार प्रदेश सरकार के मंत्री और अधिकारी बैठक कर किसानों की समस्याओं को दूर करने के प्रयास कर रहे हैं.इसी क्रम में व्यापारियों की सुविधा के लिए मंडी समितियों में डिजिटल व्यापार सुविधा केंद्र स्थापित किए गए हैं. इन केंद्रों पर व्यापारी कंप्यूटर तथा इंटरनेट का उपयोग निशुल्क रूप से ई मंडी के कार्य हेतु कर रहे हैं.
लखनऊ: उत्तर प्रदेश मंडी परिषद द्वारा ई-मंडी और ई-गवर्नेंस की परियोजनाओं को प्रभावी रूप से प्रदेश की सभी क्रियाशील मंडियों में लागू करने की व्यवस्था की गई है. इसके तहत ई-नाम, मानव संपदा किसान रथ का क्रियान्वयन किया जा रहा है.
राज्य कृषि उत्पादन के अपर निदेशक विनीत कुमार ने बताया कि व्यापारियों की सुविधा के लिए मंडी समितियों में डिजिटल व्यापार सुविधा केंद्र स्थापित किए गए हैं. इन केंद्रों पर व्यापारी कंप्यूटर तथा इंटरनेट का उपयोग निशुल्क रूप से ई मंडी के कार्य हेतु कर रहे हैं. अपर निदेशक ने बताया कि मंडी परिषद द्वारा डिजिटाइजेशन के लिए उल्लेखनीय कार्य किए जा रहे हैं. इससे मंडी से जुड़े सभी किसानों और व्यापारियों को सहूलियत प्राप्त हो सके तथा मंडी के कार्यों में हर स्तर पर पारदर्शिता हो.
लघु और सीमांत कृषकों को उपलब्ध होगी सामाजिक सुरक्षा
भारत सरकार द्वारा किसानों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिसका क्रियान्वयन प्रदेश सरकार द्वारा किया जा रहा है. प्रदेश सरकार के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि लघु और सीमांत कृषकों को सामाजिक सुरक्षा कवच उपलब्ध कराने व वृद्धावस्था में उन्हें आजीविका के साधन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री किसान मान सम्मान धन योजना संचालित की जा रही हैं. कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत अब तक 24,602 करोड रुपये की धनराशि किसानों के खातों में डीबीटी के माध्यम से भी ली जा चुकी है.