लखनऊ: पूरे देश में विगत वर्ष से पहले कोरोना के संक्रमण और लॉकडाउन के कारण यूपी पर्यटन बुरी तरह से प्रभावित हुआ था. यही कारण है कि जनवरी 2021 से जब प्रदेश में कोरोना का संक्रमण कम हुआ तो उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग यूपी में पर्यटन के केंद्र लगातार विकसित कर रहा है. जो भी पर्यटन के केंद्र हैं वहां पर पर्यटन विभाग सुविधाएं बढ़ाने में लगा हुआ था, जिससे कि देश और विदेश से बड़ी संख्या में पर्यटक उत्तर प्रदेश सकें. इसका फायदा उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग को मिल सके. लेकिन फिर तेजी से कोरोना संक्रमण बढ़ने लगा और उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने नाइट कर्फ्यू लगा दिया है. जिससे फिर पर्यटन स्थलों पर भीड़ नहीं दिख रही है.
पर्यटन और धार्मिक स्थलों पर बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध
1 विगत वर्ष मार्च माह से पूरे देश में लॉकडाउन लगने के कारण देश और प्रदेश में पर्यटन की रफ्तार रुक गई और यही कारण है कि जब जनवरी माह से उत्तर प्रदेश में संक्रमण की संख्या कम हुई तो यूपी के लोगों ने पर्यटन के महत्वपूर्ण स्थलों पर निकलना शुरू कर दिया. और यही कारण रहा कि नव वर्ष के अवसर पर अयोध्या और गोरखपुर के रामगढ़ ताल पर पांच लाख से अधिक पर्यटकों की भीड़ इकट्ठा हुई. यूपी में पर्यटन को बढ़ाने के लिए प्रमुख सचिव संस्कृति मुकेश मेश्राम ने लगातार अधिकारियों के साथ बैठक कर उत्तर प्रदेश में पर्यटन की संभावनाएं भी तलाशी और इसी क्रम में अयोध्या काशी प्रयाग गोरखपुर विंध्य क्षेत्र के साथ-साथ मथुरा बरसाना बुद्धिस्ट सर्किट कुशीनगर सारनाथ श्रावस्ती के साथ मगहर में तमाम कार्यक्रम भी आयोजित किए गए और इन पर्यटन और धार्मिक क्षेत्र के स्थलों पर बुनियादी सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जा रही हैं जिससे कि आने वाले पर्यटकों को किसी तरह की समस्या का सामना ना करना पड़े.
प्रदेश में 250 स्थल चिन्हित
फोन पर बातचीत करते हुए प्रमुख सचिव संस्कृति मुकेश मेश्राम ने बताया कि प्रदेश में 250 स्थल चिन्हित किए गए हैं जो कि धार्मिक ऐतिहासिक और सामरिक रूप से काफी महत्वपूर्ण हैं. ऐसे स्थलों पर बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं जिससे कि इन स्थलों पर आने वाले लोगों को किसी तरह की समस्या न हो. ऐसे अवसरों पर शौचालय सीट के साथ-साथ विश्राम स्थल भी बनाए जा रहे हैं जिससे पर्यटकों को समस्या न हो.