लखनऊ :पहले के समय में जब भी कोई मेडिसिन बाजार में आती थी या उसे बनाया जाता था उसे बनाने के बाद जानवरों पर उस दवा का ट्रायल किया जाता था. कई बार ऐसा होता था कि यह ट्रायल फेल होता था और इस दवा का जानवरों पर बुरा प्रभाव पड़ता था. यहां तक कि जानवरों की मौत तक हो जाती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. दरअसल, अब दवाओं का ट्रायल जानवरों से पहले थ्री डी प्रिंटेड मॉडल पर किया जाएगा. केजीएमयू की मेडिकल रिसर्च यूनिट एमआरयू के इस प्रोजेक्ट को इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च आईसीएमआर ने अनुमति दे दी है. जल्द ही इसके लिए बजट भी जारी कर दिया जाएगा. अब इसका ट्रायल जानवरों पर नहीं होगा और बेजुबान जानवरों की भी इससे मौत नहीं हो सकेगी.
केजीएमयू के प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह ने बताया कि 'केजीएमयू संस्थान हमेशा से शोध में अव्वल रहा है. केजीएमयू कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन पुरी द्वारा यह सराहनीय काम होने जा रहा है. एमआरयू का यह प्रोजेक्ट है, जिसे आईसीएमआर ने मंजूरी दी है. संस्थान ने इंडियन क्लीनिकल ट्रायल एंड एजुकेशन नेटवर्क के तहत पांच सेक्शन में संस्थानों का चयन किया है. सेंट्रल जोन से सिर्फ केजीएमयू को इसके लिए सेंटर बनाया गया है. इस प्रोजेक्ट के तहत दवा को बाजार में लांच करने से पहले उसका जानवरों जैसे, खरगोश, चूहा, बंदरों आदि पर ट्रायल किया जाता है, जिसमें लंबा समय लगता है और जानवरों पर इसका नकारात्मक असर भी पड़ता है. जब 3डी मॉडल पर इसका ट्रायल होगा तो कोई भी दिक्कत नहीं होने वाली है और 3D मॉडल में मेडिसिन का ट्रायल होने के बाद फिर यह मेडिसिन बाजारों में उपलब्ध होगी.