लखनऊ:कोविड उपचार के लिए ओवर प्राइसिंग, अधिक वसूली और ऑक्सीजन की उपलब्धता के संबध में प्रभारी अधिकारी लखनऊ डॉ. रोशन जैकब ने ओपी चौधरी व चरक हॉस्पिटल का औचक निरीक्षण किया. सबसे पहले प्रभारी अधिकारी ओपी चौधरी हॉस्पिटल पहुंचकर बिलिंग काउंटर का निरीक्षण किया. उन्होंने डिस्चार्ज किए गए रोगियों के बिल का विवरण मांगा और उनकी जांच की. हालांकि जांच में बिल शासन की ओर से निर्धारित किए गए पैकेज के अनुसार ही मिले, लेकिन बिल में मेडिसिन व अन्य पैथोलॉजी जांचों का विवरण नहीं पाया गया. उन्होंने अस्पताल प्रशासन को चेताया कि मरीजों से अनावश्यक वसूली न की जाए. बाद में प्रभारी अधिकारी ने डिस्चार्ज हुए रोगियों को फोन कर उपचार के भुगतान के बारे में पूछा.
अधिक मात्रा में हो रहा था ऑक्सीजन का उपयोग
प्रभारी अधिकारी डॉ. रोशन जैकब ने हॉस्पिटल के ऑक्सीजन स्टोर रूम का निरीक्षण और लॉग बुक को चेक किया. चेकिंग के दौरान हॉस्पिटल में प्रतिदिन 200 से अधिक ऑक्सीजन सिलेंडरों के उपयोग की बात सामने आई. हालांकि ये संख्या कोविड संक्रमित मरीजों के सापेक्ष अधिक थी, जो नियम के विपरीत है. वहीं इस दौरान पता चला कि अनावश्यक ऑक्सीजन मीटर फ्लो कर ऑक्सीजन की वेस्टेज की जा रही थी, जिस पर प्रभारी अधिकारी ने नाराजगी व्यक्त की. उन्होंने कहा कि अनावश्यक ऑक्सीजन की अधिक खपत दिखाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
अस्पतालों को दी कड़ी चेतावनी
इस दौरान प्रभारी अधिकारी चरक हॉस्पिटल पहुंचीं. हॉस्पिटल प्रशासन ने बताया कि उनके यहां कुल 145 बेड हैं, जिसमें 33 आईसीयू व बाकी ऑक्सीजनयुक्त बेड हैं. मात्र 8 आईसीयू बेड पर ही कोविड रोगियों का उपचार किया जा रहा है और लगभग सभी ऑक्सीजनयुक्त बेड खाली हैं. यहां भी रोगियों के सापेक्ष हॉस्पिटल अधिक ऑक्सीजन बेड रखे हुए है. इस पर प्रभारी अधिकारी ने अस्पताल प्रशासन को चेतावनी दी. उन्होंने सख्त निर्देश दिया कि अस्पताल जरूरत से अधिक खपत दिखाना बन्द करें.