लखनऊ:राजधानी सहित उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में इस बार मानसून जल्द आ गया है. मानसून आने के बाद हुई बारिश के कारण जगह-जगह जलभराव हो रहा है. कई जिलों में तो बाढ़ के कारण हालात बदतर हैं. बाढ़, जलभराव के कारण डेंगू मलेरिया जनित रोगों के मच्छरों का जन्म होने लगा है. वहीं राजधानी के कई इलाकों में नगर निगम की लापरवाही के कारण बनाई गई अवैध दूध डेयरी में जगह-जगह जमा हुए गोबर के ढे़र से सड़क और नालियां पटी पड़ी हैं. जिसके कारण भी बीमारियां फैल रही हैं. स्थानीय लोगों कहना है कि एक अवैध डेरी से 300 से अधिक घरों के लोग इन रोगों से प्रभावित हो रहे हैं. उनका कहना है कि कई बार नगर निगम से शिकायत के बावजूद भी समस्या जस की तस बनी हुई है.
शहर के बीच में डेरियां खोलने पर उत्तर प्रदेश सरकार ने पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया गया है. ताकि जिससे शहर में किसी तरह का संक्रमण अपने पैर ना पसार सके. लेकिन राजधानी लखनऊ में ही इन नियमों को ताक पर रख दिया गया है. राजधानी में नगर निगम की लापरवाही के चलते मनमाने ढंग से शहर के बीचों-बीच अवैध दूध डेरी संचालित की जा रही हैं. मानसून आते ही इन अवैध डेरियों में जगह-जगह जमा हुए गोबर के ढेर से सड़क और नालियां पटी पड़ी हैं. इतना ही नहीं नालियां भी चोक हो गई हैं. सड़े हुए गोबर में डेंगू और मलेरिया जनित मच्छर जन्म ले रहे हैं. जिनके काटने से लोगों को बुखार और अन्य रोग हो रहे हैं.
स्थानीय लोगों कहना है कि एक अवैध डेरी से 300 से अधिक घर के लोग रोग से प्रभावित हो रहे हैं. कई बार नगर निगम के अधिकारियों से इम बारे में शिकायत भी की गई इसके बावजूद भी कोई ध्यान नहीं दे रहा.
यही के एक अन्य निवासी शिवकुमार ने बताया कि कॉलोनी में मनमाने ढंग से अवैध डेरिया चलाई जा रही हैं, जिसकी वजह से चारों तरफ गंदगी फैल रही है. बारिश में सड़कों पर गोबर से होने वाले कीचड़ के कारण निकलना दूभर हो गया है. इस गंदगी से डेंगू के मच्छरों ने अपने पैर पसारने शुरू कर दिए हैं. तमाम बार शिकायत के बाद भी नगर निगम इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है.