लखनऊ:हिंदू समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमलेश तिवारी की हत्या (Kamlesh Tiwari Murder Case) के 24 घंटे नहीं बीते हैं. इससे पहले ही यूपी पुलिस ने हत्या में लिप्त कुछ व्यक्तियों को हिरासत में लिया है. इस मामले में यूपी पुलिस ने सूरत एटीएस के साथ मिलकर 3 को हिरासत में लिया है, जबकि अन्य हैं जिनसे पूछताछ हुई है.
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जानकारी देते डीजीपी ओपी सिंह. इस पूरे मामले में अभी और भी कार्रवाई की जानी है. इसकी जानकारी देते हुए यूपी डीजीपी ओपी सिंह (DGP OP SINGH) ने प्रेस वार्ता (Press Confrence) करते हुए बताया कि इस मामले में शुरू से ही आशंका थी कि गुजरात से तार जुड़े हुए हैं. हमें जांच में मिठाई के डिब्बे से सुराग मिले थे, जिसके बाद हमने गुजरात डीजीपी (Gujrat Police) से बात की.
गुजरात पुलिस की मदद से संदिग्ध की पड़ताल
उन्होंने बताया कि सभी पुलिस अधिकारियों ने सूरत में अपने समकक्ष अधिकारियों से इस बारे में बात की. एसएसपी लखनऊ (SSP Lucknow) ने टीम के साथ घटनास्थल के आस-पास मौजूद सभी सीसीटीवी फुटेज की जांच की, जिसमें कुछ व्यक्ति संदिग्ध नजर आए. गुजारत पुलिस की मदद से हमने संदिग्ध व्यक्तियों की पड़ताल की. दोनों राज्यों की संयुक्त पुलिस टीम ने तीन अपराधियों को हिरासत में ले लिया है, इनसे पूछताछ की जा रही है.
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जानकारी देते डीजीपी ओपी सिंह. तीन अपराधियों के बारे में बताया ब्योरा
डीजीपी ओपी सिंह (DGP OP SINGH) ने बताया कि हिरासत में लिए गए तीनों अपराधियों में मौलाना मौसीन शेख (24) सूरत में साड़ी की दुकान पर काम करता था. वहीं फैजान (21), चिलानी अपार्टमेंट में जूते की दुकान में काम करता था, जबकि रशीद अहमद पठान (24) दर्जी का काम करता था. रशीद अहमद कंप्यूटर एक्सपर्ट भी है. डीजीपी ने बताया कि दो अन्य संदिग्धों से पूछताछ के बाद उन्हें छोड़ दिया गया है.
मोहम्मद पैगम्बर पर दिया गया बयान बना हत्या की वजह
पुलिस महानिदेशक ने बताया कि यह स्पष्ट हो गया है कि ये तीनों व्यक्ति ही हत्या के षड्यंत्र में शामिल थे. इसमें दो अन्य आरोपी भी शामिल हैं, जिनकी गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि इसका प्लान रशीद ने ही बनाया था. मौसीन ने 2015 के बयान के बाद कहा कि इसका कत्ल होना चाहिए और इसे मारने की जरूरत है. फैजान मिठाई खरीदने में शामिल रहा.
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जानकारी देते डीजीपी ओपी सिंह. आतंकी संगठन से अभी तक नहीं मिला कोई संबंध
उन्होंने बताया कि कुल मिलाकर सभी पांच-छह लोग इसमे शामिल हैं. दो को छोड़ा गया है. उसमें एक रशीद का भाई है, दूसरा गौरव तिवारी सूरत का रहने वाला है, जिसने कमलेश को कॉल कर सूरत में काम करने की इच्छा जाहिर की थी. इसकी बात का कोई एविडेंस नहीं मिला, जांच में अभी भी काम चल रहा है. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अभी तक किसी खास आतंकी संगठन से संबध नहीं मिला, इसमें भी जांच चल रही है.