यूपी में मरीजों का काल बन रहे सरकारी डॉक्टर. देखें खबर लखनऊ : वेंटीलेटर पर भर्ती मरीज को चूहे काट रहे हैं. राजधानी में सरकार की नाक के नीचे बलरामपुर अस्पताल में ऑपरेशन के नाम पर घूस मांगी जा रही है. स्वास्थ्य अधिकारियों की नजर में होने के बावजूद अवैध अस्पतालों का संचालन हो रहा है. एक जिले में चिकित्सक मरीज के तीमारदारों को कमरे में बंद करके पीट रहे हैं. यह हाल तब है जब उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम खुद ही स्वास्थ्य मंत्री हैं. इन सारे मामलों में डिप्टी सीएम को दखल देना पड़ा. तब जाकर मरीजों को कुछ राहत मिली. यह वह मामले हैं जो रिपोर्टेड हैं. अब उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक का कहना है कि निश्चित तौर पर मुझे मामलों में दखल देना पड़ता है. आने वाले समय में जिस तरह से सुधार हो रहा है. मानता हूं कि सरकारी डॉक्टर पूरी तत्परता से मरीजों की देखभाल करेंगे.
यूपी के स्वास्थ्य मंत्री डिप्टी सीएम की तमाम शक्ति बेअसर.
देखा जाए तो उत्तर प्रदेश के सरकारी चिकित्सालय में उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक की तमाम शक्ति बेअसर नजर आ रही है. लगातार घटनाएं संज्ञान में आती हैं. जिनमें सरकारी चिकित्सक मरीजों का उत्पीड़न करते हैं. कई जगह तो मार पिटाई तक के मामले सामने आए हैं. केवल जुलाई महीने की बात की जाए तो ऐसे आठ मामलों को उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ट्विटर के माध्यम से सुलझा चुके हैं और जांच के आदेश भी दिए हैं. इसके बावजूद घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं. सरकारी चिकित्सकों पर इन सारी बातों का कोई खास असर पड़ता हुआ नजर नहीं आ रहा.
यूपी में स्वास्थ सेवाओं का हाल. फाइल फोटो
जुलाई में मरीजों के उत्पीड़न के प्रमुख मामले जिन पर हुआ डिप्टी सीएम का दखल
- सैफई पीजीआई में एक मरीज को चिकित्सक ने पीटा.
- मरीजों से दुर्व्यवहार और ड्यूटी से गायब रहने वाले मानिकपुर चित्रकूट के सामुदायिक केंद्र में तैनात एक चिकित्सक को बर्खास्त किया गया.
- सिद्धार्थ नगर विद्या अस्पताल का रजिस्ट्रेशन रद्द होने के बावजूद संचालन पर सीएमओ को फटकार लगी और संचालकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश.
- प्रयागराज के एसआरएन अस्पताल में तीमारदारों को सरकारी चिकित्सकों ने कमरे में बंद करके पीटा. मामले की जांच शुरू हुई.
- सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अलीगढ़ अतरौली में चिकित्सकों की लापरवाही से नवजात की मृत्यु हुई जांच शुरू.
- आजमगढ़ में स्वास्थ्य केंद्र में नवनिर्मित छत के गिरने के मामले में सरकारी चिकित्सकों की लापरवाही सामने आई.
- जिला अस्पताल अयोध्या में दर्द से कराहती महिला की मौत हो गई चिकित्सक देखने नहीं पहुंचे और उसकी मौत हो गई.
- जिला अस्पताल गोंडा में लैब टेक्नीशियन नहीं पहुंचता है, जबकि जिम्मेदार चिकित्सा इस पर ध्यान नहीं दे रहे हैं.
- बदायूं जिला राजकीय मेडिकल कॉलेज में वेंटिलेटर पर भर्ती मरीज को चूहे ने काटा, दोषियों पर कार्रवाई की सिफारिश.
- सिद्धार्थनगर के जनहित नाम के निजी अस्पताल में सीलिंग होने के बावजूद प्रसूता का ऑपरेशन होने पर जिम्मेदार स्वास्थ्य अधिकारियों की जांच.
- बलरामपुर अस्पताल में हड्डी का ऑपरेशन करने के नाम पर चिकित्सक ने मरीज से पैसे की मांग की.
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