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Crime News : चाइनीज मशीन से बनाते थे गाड़ियों की डुप्लीकेट चाबी, गैराज मालिक के कहने पर ऑन डिमांड करते थे चोरी

राजधानी पुलिस ने चाइनीज मशीन से चाबी बनाकर वाहन चोरी करने वाले गिरोह का खुलासा किया है. पुलिस गिरोह में शामिल गैराज मालिक की तलाश कर रही है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 31, 2023, 11:32 AM IST

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लखनऊ : राजधानी की गोमतीनगर विस्तार पुलिस ने कम्प्यूटराइज चाबी का क्लोन बनाकर वाहन चोरी गिरोह का खुलासा किया है. पुलिस के मुताबिक, गिरफ्तार किए गये आरोपियों ने कार चुराने के लिए 15 हजार रुपये की एक चाइनीज मशीन ऑनलाइन खरीदी, जिसका इस्तेमाल कर आरोपी कम्प्यूटराइज चाबी का क्लोन बनाकर वाहन चोरी को अंजाम देते थे. वाहन चोरों के पास से छह वाहन बरामद हुए हैं. वाहन चोरी के आरोप में जेल गए सत्यम गुप्ता ने जमानत पर छूटते ही नया गिरोह बना लिया. गैराज मालिक के कहने पर सत्यम ने निजी स्कूल के वैन ड्राइवर आरिफ खान के साथ मिलकर ऑन डिमांड गाड़ी चोरी करना शुरू कर दिया. गिरोह में शामिल गैराज मलिक अबु जकारिया फरार है, पुलिस उसकी तलाश में दबिश दे रही है.

गिरोह के पास से बरामद हुआ सामान

घटना का खुलासा करते हुए डीसीपी पूर्वी ह्रदेश कुमार ने बताया कि 'चाइनीज मशीन से वाहनों की डुप्लीकेट चाबी और फिर भारी मांग पर गाड़ियों की चोरी करने वाले गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है. दुबग्गा जाॅगर्स पार्क के पास से आशियाना निवासी सत्यम गुप्ता को पकड़ा गया. पूछताछ में सत्यम ने साथी आरिफ खान के बारे में जानकारी दी, जिसे ठाकुरगंज से दबोचा गया. गिरोह में कौशांबी कड़ाधाम निवासी अबू जकारिया शामिल है, उसके कहने पर सत्यम और आरिफ वाहन चुराते थे. डीसीपी पूर्वी के मुताबिक, पूछताछ में सत्यम ने बताया कि चुराए गए वाहनों के चेसिस और इंजन नम्बर कंडम वाहनों से बदलकर बाजार में बेचे जाते हैं. 30 मई 2022 को विभूतिखंड पुलिस ने सत्यम को गिरफ्तार कर जेल भेजा था. जमानत पर छूटने के बाद आरोपी ने दोबारा से वारदात शुरू कर दी थी. सत्यम के मुताबिक, करीब 15 हजार रुपये कीमत की केडीएक्स-टू मशीन उसने ऑनलाइन खरीदी है. इस मशीन की मदद से ही चिह्नित वाहन की चाबी का डाटा ब्लैंक चाभी में कॉपी किया जा सकता है, जिसके बाद वाहन चोरी की घटना को गिरोह के सदस्य अंजाम देते हैं.'



पूछताछ में आरिफ ने पुलिस को बताया कि 'उनके निशाने पर घर के बाहर खड़ी किए जाने वाली कारें होती हैं, जिस कार को चुराना होता है. उसकी रेकी चार दिन तक की जाती है, फिर डूप्लीकेट चाबी की मदद से कार को स्टार्ट कर आरोपी फरार हो जाते हैं. डीसीपी बताया कि क्लोन चाबी की मदद से लॉक खोले जाने पर बजर नहीं बजता है. गिरोह के सदस्य जिस गाड़ी को चुराना होता है, उसके मालिक की डिटेल खंगालते हैं. कई बार सर्विस सेंटर जाकर भी जानकारी हासिल कर लेते हैं. सत्यम ने बताया कि चिह्नित गाड़ी की चाबी पर पड़े यूनिक कोड को भी वह लोग नोट करते हैं, जिसके बाद ही चुराई जाने वाली कार की डूप्लीकेट चाबी बनाई जा सकती है. आरोपियों के पास से केडीएक्स-टू मशीन, ब्लैंक चाबियां, .32 बोर का लाइसेंसी रिवॉल्वर, दो कारतूस, एक लैपटॉप, चाबी बनाने वाली मशीन, दो चेसिस नंबर, पंच करने वाली मशीन, एक ड्रिल मशीन, ग्राइंडर, प्रोग्रामर, तीन एडाॅप्टर, तीन म्यूजिक प्लेयर, 21 स्टीयरिंग लॉक, 17 ईसीएम मशीन, 19 सेंट्रल लॉक सिस्टम, एक मीटर कंसोल, 7 सादा नंबर प्लेट, चार नंबर प्लेट लिखी हुई, चेसिस नंबर खुदी हुईं, पांच प्लेटें, 93 चाबियां, 218 डूप्लीकेट चाबियां मिली हैं.'



पुलिस के मुताबिक, सत्यम गुप्ता के खिलाफ गोमतीनगर, चिनहट, विभूतिखंड, गाजियाबाद के खोड़ा, इंदिरापुरम, गुडंबा, कैसरबाग और कानपुर के कल्याणपुर में 12 मुकदमे दर्ज हैं.

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