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एसबी पेट्रोलियम लिमिटेड को कोर्ट ने दिया दोषी करार, उपभोक्ताओं व डीलरों से धोखाधड़ी कर हड़पे करोड़ों रुपये

एसबी पेट्रोलियम लिमिटेड को कोर्ट ने दोषी करार दिया है. इसके अलावा कोर्ट ने 11 अन्य आरोपियों को भी दोषसिद्ध करते हुए कारावास और अर्थदंड की सजा से दंडित किया है.

एसबी पेट्रोलियम लिमिटेड
एसबी पेट्रोलियम लिमिटेड

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Published : Mar 24, 2023, 10:27 PM IST

लखनऊ:गैस कनेक्शन और एलपीजी सिलेंडर की आपूर्ति का आश्वासन देकर करोड़ों रुपये का घोटाला करने के आरोप में सीबीआई की विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट स्मृति मिश्रा ने एसबी पेट्रोलियम लिमिटेड को दोषी करार दिया है. इसके साथ ही कोर्ट ने 11 अन्य आरोपियों को भी दोषसिद्ध करते हुए कारावास और अर्थदंड की सजा से दंडित किया है.

कोर्ट ने एसबी पैट्रोलियम प्राइवेट लिमिटेड पर 50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है. वहीं, इस मामले में सीबीआई द्वारा आरोपी बनाए गए लालजी वर्मा, तहमीद अहमद फारुकी और विनय सिंह को तीन वर्ष के कठोर कारावास और 50 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है. अदालत ने अभियुक्ता आभा तिवारी, कुलदीप कुमार श्रीवास्तव व पद्माकर पांडे को दो वर्ष के कठोर कारावास और 20 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है. जबकि आरोपी प्रदीप पांडेय, प्रमिला पांडेय, विनोद मिश्रा, आकाश मिश्रा व बसंता सुकुमारन को एक वर्ष के कठोर कारावास और पांच हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई गई है. मुकदमे के विचारण के दौरान विजय कुमार तिवारी, माया पति त्रिपाठी, शांति त्रिपाठी, योगेश पति त्रिपाठी, नगीना तिवारी, किशन चंद्र जैन, कैलाश चंद्र बली, लक्ष्मी नारायण गुप्ता, शिशिर कुमार पांडे, सावित्री पांडे और राधा मिश्रा की मृत्यु हो गई थी. इस मामले के दो अभियुक्त हरी मोहन सक्सेना और आशीष मिश्रा आज तक फरार चल रहे हैं.

सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक रामबाबू कनौजिया के अनुसार वर्ष 1993 से 96 के बीच लखनऊ और अन्य स्थानों पर विज्ञापनों के माध्यम से प्रचार करके एसबी पेट्रोलियम लिमिटेड कंपनी ने आठ से दस माह में गैस कनेक्शन और एलपीजी सिलेंडर की आपूर्ति किए जाने का प्रलोभन देकर डिस्ट्रीब्यूटर और उपभोक्ताओं से 12 करोड़ रुपए डीलरशिप और बुकिंग चार्ज के रूप में प्राप्त किए. जबकि उपभोक्ताओं को कनेक्शन नहीं दिए गए.

आरोप है कि इस पैसे को कम्पनी और उसके अधिकारियों ने व्यवसाय और निजी प्रयोग में लेकर हड़प लिया. इस मामले को लेकर उच्चतम न्यायालय में जनहित याचिका दायर की गई थी, जिसमें निवेशकों का पैसा वापस करने को कहा गया था. सीबीआई ने जांच के दौरान पाया की यह पैसा उपभोक्ताओं को वापस नहीं किया गया बल्कि उच्चतम न्यायालय में एसबी पेट्रोलियम लिमिटेड की ओर से कहा गया कि सभी को पैसा वापस कर दिया गया है. इस मामले में सीबीआई ने वर्ष 1998 में पहले पांच लोगों के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू की. बाद में एसबी पेट्रोलियम सहित 20 आरोपियों के विरुद्ध सीबीआई की विशेष अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया गया था.

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