लखनऊ: उत्तर प्रदेश के सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयों में प्रशिक्षित स्नातक (टीजीटी) और प्रवक्ता (पीजीटी) भर्ती के लिए आवेदन लिए जा रहे हैं. आवेदन के दौरान ही अब इस भर्ती को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. इस भर्ती प्रक्रिया के जरिए करीब 4163 पदों पर नियुक्तियां होनी है. अभ्यर्थियों की मांग है कि सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों के तदर्थ शिक्षकों के पद भी इस भर्ती में शामिल किए जाएं. इसको लेकर बाकायदा सोशल मीडिया पर अभियान चलाया जा रहा है.
गौरतलब है कि एडेड विद्यालयों में प्रशिक्षित स्नातक (टीजीटी) के 3539 और प्रवक्ता (पीजीटी) के 624, कुल 4163 पदों पर आवेदन लिए जा रहे हैं. 16 जुलाई तक ऑनलाइन आवेदन किए जा सकते हैं. पिछली भर्ती में चयन बोर्ड की तरफ से तदर्थ शिक्षकों से आवेदन मांग गए थे. इसमें, तदर्थ शिक्षकों को प्रति वर्ष 1.50 अंकों और 30 वर्ष की सेवा पर अधिकतम 30 अंकों का भारांक दिए जाने का प्रावधान था. इसके बावजूद सिर्फ 12 तदर्थ शिक्षक ही चयनित हो सके थे.
अभ्यर्थियों का दावा है कि तदर्थ शिक्षकों के करीब 22 हजार पद हैं. वो इन्हें भी 4163 टीजीटी-पीजीटी भर्ती प्रक्रिया में शामिल करने की मांग कर रहे हैं. इससे सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में शिक्षकों के नियमित पदों पर भर्ती हो सकेगी. युवा मंच के अध्यक्ष अनिल सिंह का आरोप है कि प्रबंधकों और जिला विद्यालय निरीक्षकों की मिलीभगत के कारण तदर्थ शिक्षकों के पदों पर नियमित भर्ती नहीं हो पा रही है. इसको लेकर सोशल मीडिया पर अभियान चलाया जा रहा है.