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राजधानी में कुछ इस तरह मनाया गया संविधान दिवस

संविधान दिवस के मौके पर आज पूरे देश में कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं. इसी क्रम में 26 नवंबर को राजधानी लखनऊ में कई जगह संविधान दिवस मनाया गया. केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान रहमानखेड़ा के सदस्यों ने राष्ट्रपति के साथ संविधान की प्रस्तावना पढ़ी.

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Published : Nov 26, 2020, 5:46 PM IST

संविधान दिवस
संविधान दिवस

लखनऊः देश में संविधान दिवस मनाने की श्रृंखला में केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान ने संविधान पर परिचर्चा और व्याख्यान का आयोजन किया. इस कार्यक्रम में संस्थान के वैज्ञानिक शामिल हुए. कोविड मानकों का ध्यान रखते हुए कर्मचारियों और संस्थान के वैज्ञानिकों ने भौतिक रूप से ऑनलाइन भाग लिया. सर्वप्रथम डॉ. नरेश बाबू ने सभी का स्वागत किया. इसके बाद संविधान के प्रस्तावना को राष्ट्रपति के साथ ही पढ़ा गया.

निदेशक ने संविधान पर डाला प्रकाश
कर्मचारियों को सम्बोधित करते हुए निदेशक डॉ. शैलेंद्र राजन ने संविधान दिवस के उद्देश्यों एवं संविधान के मूल तत्वों पर प्रकाश डाला. संविधान में दिए गए कर्तव्यों पर चलने के लिए सभी को उन्होंने प्रेरित किया.

अन्य वैज्ञानिकों ने रखे अपने विचार
इस अवसर पर संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. सुशील कुमार शुक्ल ने भारत के संविधान विषय पर एक विस्तृत व्याख्यान दिया. उन्होंने संविधान रचना, प्रस्तावना, मूल सिद्धांत, संवैधानिक मूल्य, मौलिक अधिकार और मौलिक कर्तव्यों का विशेष वर्णन किया. उन्होंने अपने व्याख्यान में अब तक किए गए मुख्य संशोधनों की भी चर्चा की. उन्होंने डॉ. हरि ओम पवार की प्रसिद्ध कविता 'मैं भारत का संविधान हूं लाल किले से बोल रहा हूं' को भी प्रस्तुत किया.

राष्ट्र के विकास की धुरी है भारतीय संविधान: डीआरएम
संविधान दिवस पर उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल कार्यालय और अन्य प्रमुख स्टेशनों और प्रमुख इकाइयों पर देश की अखंडता एवं प्रभुता संपन्नता को स्मरण करते हुए संविधान की उद्देशिका का पठन किया गया.

संविधान में बताए मार्ग पर चलें देशवासी
इस अवसर पर मंडल रेल प्रबंधक संजय त्रिपाठी ने बताया कि भारत का गरिमामयी संविधान राष्ट्र के विकास एवं प्रगति की धुरी है. सशक्त और समृद्ध भारत का द्योतक है. हर देशवासी का कर्त्तव्य है कि भारतीय संविधान के प्रति पूर्ण आस्था से समर्पित रहते हुए इसके द्वारा दर्शाए गए मार्ग पर चलकर शक्तिशाली और सामर्थ्यवान राष्ट्र के निर्माण में अपनी भूमिका का निर्वहन करें.

यह दिन रखता है विशेष महत्व
उत्तर रेलवे के सीनियर डीसीएम जगतोष शुक्ला ने बताया कि मंडल कार्यालय में कोविड 19 को ध्यान में रखकर वेबिनार के माध्यम से मंडल रेल प्रबंधक संजय त्रिपाठी ने अधिकारियों को भारत के संविधान की उद्देशिका का पाठन कराया. उन्होंने बताया कि इसका अभिप्राय लोकतान्त्रिक भारत के संविधान को अंगीकृत, अधिनियमित एवं आत्मार्पित करना था. भारत का सशक्त आधारस्तंभ भारत गणराज्य का संविधान अपनी पूरी आभा के साथ प्रदीप्त होकर इस ऐतिहासिक, पौराणिक, आध्यात्मिक एवं पावन देश को यश, समृद्धि, विकास और एकरसता से सुसज्जित करता है. इसलिए यह विशेष दिवस भारतीय पृष्ठभूमि में अपना विशेष महत्त्व रखता है.

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