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कांग्रेसियों ने भारत रत्न मौलाना अबुल कलाम आजाद की मनाई पुण्यतिथि

राजधानी लखनऊ में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भारत रत्न और पूर्व शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद की पुण्यतिथि मनाई गई. कार्यक्रम में मौलाना अबुल कलाम द्वारा देश के लिए दिए गए योगदान को याद किया गया.

मौलाना अबुल कलाम आजाद की मनाई पुण्यतिथि
मौलाना अबुल कलाम आजाद की मनाई पुण्यतिथि

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Published : Feb 23, 2021, 12:23 PM IST

लखनऊ: महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भारत रत्न और पूर्व शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद की सोमवार को उत्तर प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पर पुण्यतिथि मनाई गई. कार्यक्रम की शुरुआत मौलाना अबुल कलाम आजाद के चित्र पर माल्यार्पण से हुई. शहर अल्पसंख्यक कांग्रेस कमेटी की तरफ से आयोजित कांग्रेस कार्यकर्ता सम्मेलन में कार्यकर्ताओं ने शिरकत की. पुण्यतिथि कार्यक्रम की अध्यक्षता शहर अध्यक्ष अनीस अख्तर मोदी ने और संचालन जावेद अहमद खान ने किया. कार्यक्रम में मौलाना अबुल कलाम द्वारा देश के लिए दिए गए योगदान को याद किया गया. वरिष्ठ नेताओं ने मौलाना आजाद के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की.

मौलाना आजाद ने मुल्क में भाईचारा और एकता की मिसाल कायम की
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी और पूर्व सांसद जफर अली नकवी मौजूद रहे. पुण्यतिथि कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा कि मौलाना अबुल कलाम आजाद कभी देश के बंटवारे के पक्ष में नहीं थे. उन्होंने हमेशा मुल्क को एक रहने की वकालत की थी. उन्होंने देश की आजादी और आजादी के बाद देश को संवारने, बनाने के लिए उल्लेखनीय योगदान किया है. उसे सदैव याद किया जायेगा. पूर्व सांसद जफर अली नकवी ने मौलाना अबुल कलाम आजाद के दिल्ली की जामा मस्जिद से दिए गए ऐतिहासिक भाषण की याद दिलाते हुए कहा कि मौलाना आजाद ने मुल्क में भाईचारा और एकता की एक मिसाल कायम की है, जिसे किसी कीमत पर भुलाया नहीं जा सकता.

आजाद ने रखी आईआईटी, आईआईएम जैसी संस्थाओं की बुनियाद
इस मौके पर उपस्थित कांग्रेसजनों को संबोधित करते हुए उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अल्पसंख्यक विभाग के चेयरमैन शाहनवाज आलम ने मौलाना आजाद को याद किया. मौलाना अबुल कलाम आजाद की शिक्षा नीति पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि मौलाना ने शिक्षा मंत्री रहते हुए आईआईटी, आईआईएम जैसी संस्थाओं की बुनियाद रखकर अपनी दूरदर्शिता का परिचय दिया था. आजादी के बाद जिस प्रकार मौलाना अबुल कलाम ने उच्च शिक्षा और तकनीकी शिक्षा को देश में स्थापित किया. वह उनकी शिक्षा के प्रति उनके गहरे जुड़ाव को प्रदर्शित करता है.

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