लखनऊः उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने बयान जारी करते हुए प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि गोंडा के परसपुर में तीन सगी नाबालिग बहनों पर सोते समय तेजाब फेंककर गंभीर रूप से घायल किए जाने की घटना योगी सरकार द्वारा अपराधियों को लगातार संरक्षण दिए जाने का दुष्परिणाम है. प्रदेश सरकार महिलाओं और बच्चियों को सुरक्षा देने में पूरी तरह विफल साबित हुई है. अपराधियों के हौसले इस कदर बुलन्द हैं कि वह जब जहां चाहते हैं. जघन्य घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं और प्रदेश सरकार इन घटनाओं के दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के बजाए इन्हें छिपाने के लिए अपराधियों को संरक्षण देने का प्रयास कर रही है.
सरकार दे रही अपराधियों को संरक्षण इसीलिए उनके हौसले बुलंद: अजय कुमार लल्लू - योगी आदित्यनाथ
उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने बयान जारी करते हुए प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि गोंडा के परसपुर में तीन सगी नाबालिग बहनों पर सोते समय तेजाब फेंककर गंभीर रूप से घायल किए जाने की घटना योगी सरकार द्वारा अपराधियों को लगातार संरक्षण दिए जाने का दुष्परिणाम है. प्रदेश सरकार महिलाओं और बच्चियों को सुरक्षा देने में पूरी तरह विफल साबित हुई है.
खतरे में है महिलाओं की सुरक्षा
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर गोंडा की इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के लिए योगी सरकार की महिला अत्याचारों के प्रति राजनीति से प्रेरित होकर अपराधियों के साथ खड़े होना और उन्हें बचाने की नीति को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा है कि सरकार की इसी नीति के चलते अपराधियों के हौसले बुलन्द हैं. अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि योगी सरकार अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई न किए जाने का ही दुष्परिणाम है कि गोंडा में तीन दलित वर्ग की सगी बहनें जिनकी उम्र 17 वर्ष, 10 वर्ष एवं 8 वर्ष है, पर तेजाब फेंका गया. तीनों बहनें गंभीर रूप से झुलसकर घायल हो गईं हैं.
स्थानीय स्तर पर नहीं मिलता है न्याय
अजय कुमार लल्लू ने भाजपा के प्रान्तीय कार्यालय के सामने महाराजगंज की एक महिला द्वारा अपने शरीर पर ज्वलनशील पदार्थ डालकर आत्मदाह करने के प्रयास की घटना पर कहा है कि यह योगी सरकार की ध्वस्त हो चुकी कानून व्यवस्था का सबूत है. उन्होंने कहा कि यदि महिला को स्थानीय स्तर पर न्याय मिल जाता तो उसे राजधानी लखनऊ आकर आत्मदाह का प्रयास न करना पड़ता. यह भाजपा सरकार में महिलाओं के प्रति बढ़ते अत्याचार और उन्हें न्याय दिलाने में असफल कानून व्यवस्था का जीता-जागता उदाहरण भी है.