लखनऊ:राजधानी लखनऊ में तमाम प्राइवेट व एडेड स्कूल हैं. ऐसे में कई स्कूलों में बच्चों के लिए पीने का साफ पानी तक उपलब्ध नहीं है. स्कूलों के हालात ऐसे हैं कि बेंच टूटी हुई हैं, बिजली नहीं है और जब बिजली आ रही है तो पंखे की स्थिति ऐसी है कि उसका चलना और न चलना दोनों बराबर है. बच्चे पसीना पोछकर पढ़ने पर मजबूर हैं. हजरतगंज स्थित भारती बालिका इंटर स्कूल में 23 क्लास हैं. स्कूल की स्थिति बेहद खराब है. स्कूल में दो नलकूप है, जिसमें से एक खराब है और दूसरा ऐसी जगह पर है, जहां पर गंदगी फैली रहती है.
स्कूल में 23 क्लास हैं. क्लास में आधी बेंच टूटी हुई हैं. क्लास में गंदगी फैली है. वहीं कुछ स्टूडेंट्स ने बातचीत में बताया कि 4 घंटे बिजली कटती है फिर 15-20 मिनट के लिए आती है. ज्यादातर क्लास हमारी बिना पंखे की चलती हैं. हमारी क्लास की जो लंबाई है वह अधिक है. पंखा अधिक ऊंचाई पर है. इसकी वजह से पंखे की हवा नीचे तक अच्छे से आती नहीं है. इसकी शिकायत कई बार हम लोगों ने प्रिंसिपल से की, लेकिन मकैनिक नहीं मिल रहा है. इस वजह से काम पेंडिंग पर है. स्कूल में चार सफाई कर्मचारी हैं, लेकिन मौके पर एक भी सफाई कर्मचारी स्कूल परिसर में नहीं दिखाई दिया. क्लास में गंदगी फैली है. बड़ा स्कूल है इसलिए क्लासरूम ज्यादा हैं, लेकिन सभी क्लासरूम चलते नहीं है. सिर्फ 23 क्लास चलती हैं. यहां पर गंदगी फैली है.
पिछले साल नवंबर में हजरतगंज से नरही क्षेत्र के एक सरकारी स्कूल की दीवार उस समय गिर गई थी, जब स्कूल में बच्चे पढ़ाई कर रहे थे. लेकिन बाल-बाल बच्चे बच गए. क्योंकि जिस जगह पर दीवार ढह गई थी, उसके नीचे बच्चे बैठे नहीं थे. तुरंत बच्चों को क्लास रूम के बाहर निकाला गया. थोड़ी ही देर में देखते ही देखते पूरी क्लास ढह गई. भारती बालिका स्कूल का भी यही हाल है. क्लास की दीवार जर्जर है. पुरानी हो चुकी हैं. इन्हें रिन्यू करने की जरूरत है, लेकिन अर्धसरकारी होने की वजह से स्कूल की मरम्मत फिलहाल नहीं हो पा रही है, जबकि स्कूल की दीवारों को इस समय मरम्मत की जरूरत है, क्योंकि इन्हें देखकर साफ समझ आ रहे हैं कि दीवारें काफी पुरानी हो चुकी हैं.