लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आइजीआरएस (IGRS) पोर्टल पर पीड़ितों की शिकायत ठीक से फीडिंग नहीं करने पर आगरा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और मिर्जापुर के पुलिस कप्तान से एक सप्ताह के भीतर स्पष्टीकरण देने के लिए निर्देशित किया है. दोनों को निर्देश दिया गया है कि आईजीआरएस के नोडल अधिकारी से प्राप्त स्पष्टीकरण को वह टिप्पणी सहित मुख्यमंत्री कार्यालय को एक सप्ताह के भीतर उपलब्ध कराएं.
मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा आईजीआरएस पोर्टल की रेंडम चेकिंग किए जाने से खुलासा हुआ कि पोर्टल पर शिकायतकर्ता के प्रार्थना पत्र को ऐसे अपलोड किया जाता है, जिससे पीड़ित का मोबाइल नंबर न आ सके. इससे आइजीआरएस प्रभारी या फिर शासन से यदि कोई पीड़ित से सम्पर्क करना चाहे तो नहीं हो सकता. पीड़ित की संतुष्टि का पता नहीं लग सकता.
आवेदक के मोबाइल नंबर को कर दिया जाता था गायब
मुख्यमंत्री कार्यालय में IGRS पोर्टल पर दोनों अधिकारियों के कार्यालय में प्राप्त शिकायतों की फीडिंग का रैंडम आधार पर परीक्षण किया गया. रेंडम रूप से परीक्षण में कमी पाए गए संदर्भों की सूची भी संबंधित अधिकारियों को भेजी गई है. पुलिस अधीक्षक मिर्जापुर के कार्यालय में अधिकांश प्रार्थना पत्रों को स्कैन करते हुए निचले हिस्से, जिसमें आवेदक का मोबाइल नंबर लिखा होता है, को काट दिया गया है. ऐसा प्रतीत होता है कि किसी स्तर पर जानबूझकर मोबाइल नंबर फीड नहीं किए जा रहे हैं.