लखनऊः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री आवास में आयोजित कार्यक्रम में पर्यटन और संस्कृत विभाग की 642 करोड़ रुपये की 488 विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया. इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश आज पर्यटन के विश्व पटल पर ऊंचाइयों को छू रहा है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत ने 150 करोड़ वैक्सीनेशन के सफलता को छू लिया है. साथ ही उत्तर प्रदेश ने 21 करोड़ डोज़ देकर सबसे अग्रणी राज्य की भूमिका निभाई है.
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देश के पर्यटन को समझा तो प्रधानमंत्री ने अनेक कार्यक्रम शुरू किये. रामायण सर्किट, बौद्ध सर्किट इसके उदाहरण है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पर्यटन क्षेत्र में उत्तर प्रदेश ने अग्रणी भूमिका निभाई और आध्यात्मिक सर्किट्स में सबसे ज्यादा अवसर यूपी को मिला. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पर्यटन संवर्धन योजना प्रदेश के सभी 403 विधानसभाओं के एक एक पर्यटन स्थान के विकास को बढ़ाने की योजना है और हमने इस पर जनप्रतिनिधियों के माध्यम से कार्य किये. सीएम ने कहा कि राज्य सरकार ने जब कभी भी केंद्र सरकार से पर्यटन या संस्कृति के किसी भी कार्य का सहयोग मांगा तो मुक्त भाव से मिला. अयोध्या, मथुरा, काशी विश्वनाथ, प्रयागराज कुंभ, ब्रजोत्सव रंगोत्सव, दीपोत्सव सभी में हमने बेहतरीन कार्य किये. इस अवसर पर नगर विकास मंत्री आशुतोष टण्डन, पर्यटन मंत्री नीलकंठ तिवारी सहित कई प्रमुख लोग उपस्थित रहे.
राज्य स्तरीय समिति की बैठक. स्वास्थ्य केंद्रों के निर्माण को लेकर मुख्य सचिव ने दिए निर्देश
वहीं, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र की अध्यक्षता में आयोजित राज्य स्तरीय समिति की बैठक 15वें वित्त आयोग द्वारा अनुमोदित अनुदान राशि सम्बन्धी प्रस्ताव का प्रेजेंटेशन किया गया. जिसमें समिति द्वारा 179077.12 लाख रुपये के प्रस्ताव को अनुमोदन प्रदान किया गया. मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने कहा कि भवन विहीन उपकेन्द्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों का निर्माण आबादी के समीप समुचित भूमि का चयन कर भारत सरकार की गाइडलाइन्स व मानक के अनुसार कराया जाये. निर्माण कार्य के लिए आवंटित धनराशि को शीघ्र सम्बन्धित विभागों को हस्तांतरित कर दिया जाये. उन्होंने कहा कि निर्माण कार्यों को गुणवत्ता के साथ समय से पूरा कराने के लिए टाइमलाइन निर्धारित की जायें, जिससे ग्रामीण अंचलों में मिलने वाली स्वास्थ्य सुविधाओं में काफी सुधार होगा. निर्माण कार्यों के साथ मूलभूत सुविधाओं का भी विकास किया जाये.
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इससे पूर्व बैठक में बताया गया कि भवन विहीन सब-हेल्थ सेण्टर्स (एसएचसी) के लिये 33,354.72 लाख रुपये, ब्लाक पब्लिक हेल्थ यूनिट्स (बीपीएचयू) के लिए 7610.24 लाख रुपये, सब-हेल्थ सेण्टर्स में डायग्नोस्टिक इंफ्रास्ट्रक्चर को सुदृढ़ करने के लिए 21744.00 लाख रुपये, प्राइमरी हेल्थ सेण्टर्स में डायग्नोस्टिक इंफ्रास्ट्रक्चर को सुदृढ़ करने के लिए 28153.00 रुपये, रुरल पीएचसी एवं सब-सेण्टर्स को हेल्थ एण्ड वेलनेस सेण्टर्स में कनवर्जन के लिए 38733.75 लाख रुपये, अर्बन प्राइमरी हेल्थ सेण्टर्स में डायग्नोस्टिक इंफ्रास्ट्रक्चर को सुदृढ़ करने लिए 7031.33 करोड़ रुपये तथा अर्बन हेल्थ एण्ड वेलनेस सेण्टर्स के लिए 42450.08 लाख रुपये का प्रस्ताव दिया गया है. बैठक में अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा आलोक कुमार सहित सम्बन्धित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.