लखनऊ:मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक लाख से अधिक मेडिकल स्क्रीनिंग टीम गठित करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने अनलॉक व्यवस्था की समीक्षा बैठक के दौरान बुधवार को कहा कि कोविड प्रसार को रोकने में मेडिकल स्क्रीनिंग का कार्य अत्यंत महत्वपूर्ण है. इसके दृष्टिगत टीम के सदस्यों को प्रशिक्षण दिया जाए. उन्हें आवश्यक जानकारी उपलब्ध कराई जाए. मेडिकल स्क्रीनिंग टीम को इंफ्रारेड थर्मामीटर और पल्स ऑक्सीमीटर भी उपलब्ध कराया जाए. टीम के सदस्यों के लिए मास्क, ग्लव्स और सैनिटाइजर की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए. वहीं यूपी के 11 जिलों में गुरुवार को रैपिड किट से जांच की शुरुआत होगी.
अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने बताया कि प्रदेश में 60 हजार से अधिक मेडिकल स्क्रीनिंग टीम का गठन कर लिया गया है और जल्द ही एक लाख से ऊपर टीम्स गठित कर ली जाएंगी. मुख्यमंत्री ने टेस्टिंग क्षमता में वृद्धि के निर्देश दिए हैं और कहा कि ज्यादा से ज्यादा सैंपल लिए जाएं. 11 जिलों में नोडल अधिकारी के तौर पर तैनात प्रशासनिक अधिकारियों और वरिष्ठ चिकित्सा विशेषज्ञों के साथ शासन स्तर से निरंतर संवाद रखे जाने के भी निर्देश दिए गए हैं. इनके फीडबैक के आधार पर आवश्यकता अनुसार जरूरी कदम उठाए जाएंगे. सीएम योगी ने सभी जिलों के लिए नामित विशेष सचिव स्तर के अधिकारियों को जिले आवंटित कर दिए हैं. साथ ही कोविड की व्यवस्थाओं का नियमित अनुश्रवण करने के निर्देश दिए हैं.
लक्षण रहित मरीजों को अस्पताल में न करें भर्ती
मुख्यमंत्री ने कहा कि लक्षण रहित कोरोना संक्रमित को कोविड अस्पतालों में न रखा जाए. ऐसे व्यक्तियों के स्वास्थ्य का नियमित परीक्षण भी किया जाए. अस्वस्थ होने की दशा में उन्हें उपचार के लिए तत्काल कोविड अस्पताल में भर्ती किया जाए. चिकित्साकर्मियों को मेडिकल इंफेक्शन से सुरक्षित रखने के लिए इनके प्रशिक्षण जारी रखे जाएं. पुलिस व पीएसी के कर्मियों को संक्रमण से सुरक्षित रखने के लिए सभी सावधानियां बरतने के निर्देश हैं.
हेल्पलाइन नंबर का करें प्रयोग
मुख्यमंत्री ने कोविड अस्पतालों में भर्ती मरीजों के परिजनों से संपर्क में रहने की बात कही है. साथ ही कहा कि मरीज के परिजन को पूरी जानकारी लगातार दी जाए. रोगियों को सुपाच्य भोजन और पीने के लिए गुनगुना पानी दिया जाए. कोविड केयर अस्पतालों में भर्ती कराने के लिए 108 और 102 हेल्पलाइन नंबर का प्रयोग करें. वहीं निजी अस्पतालों की एंबुलेंस का उपयोग भी किया जाए. यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी एंबुलेंस में ऑक्सीजन उपलब्ध हो. एंबुलेंस में पल्स ऑक्सीमीटर की भी व्यवस्था की जाए. ग्रामीण और शहरी इलाकों में सैनिटाइजेशन का कार्य निरंतर जारी रखा जाए.