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उत्तर प्रदेश की जनसंख्या नीति जारी, सीएम योगी बोले- बढ़ती जनसंख्या गरीबी का कारण

विश्व जनसंख्या दिवस-2021 (World Population Day-2021) के मौके पर सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने उत्तर प्रदेश की जनसंख्या नीति 2021-2030 (Uttar Pradesh Population policy 2021-2030) का ऐलान कर दिया है. इस नीति के माध्यम से प्रदेश की जनसंख्या को स्थितर करने का प्रयास किया जाएगा. इन नीति के लिए यूपी सरकार (UP government) ने 19 जुलाई तक जनता से सुझाव मांगे हैं.

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Published : Jul 11, 2021, 12:45 PM IST

Updated : Jul 11, 2021, 5:27 PM IST

uttar pradesh population policy
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लखनऊ:सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने उत्तर प्रदेश की जनसंख्या नीति 2021-2030 (Uttar Pradesh Population policy 2021-2030) को जारी कर दिया है. विश्व जनसंख्या दिवस-2021 (World Population Day-2021) के मौके लखनऊ में मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीएम योगी ने उत्तर प्रदेश की नई जनसंख्या नीति (New Population policy of Uttar Pradesh) को जारी किया. इसके साथ ही सीएम योगी ने जनसंख्या स्थिरता पखवाड़े की भी शुरुआत की. साथ ही सीएम ने नव विवाहित जोड़ों को 'शगुन किट' देकर परिवार नियोजन के प्रति प्रोत्साहित किया. साथ ही सीएम योगी ने प्रदेश के 11 जनपदों में कोरोना जांच के लिए स्थापित बीएसल-2 आरटीपीसीआर लैब का उद्घाटन किया.

सीएम योगी आदित्यनाथ

इस मौके पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने बढ़ती हुई जनसंख्या चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि, बढ़ती हुई जनसंख्या विकास में बाधा बन सकती है, इसे लेकर विभिन्न मंचों पर चार दशकों से निरंतर चर्चा चल रही है. जिन देशों ने और जिन राज्यों ने इस दिशा में अपेक्षित प्रयास किए उनके सकारात्मक परिणाम भी सामने आए हैं, लेकिन फिर भी इस दिशा में और भी प्रयास करने की जरूरत है. सीएम योगी ने कहा कि समाज के विभिन्न तबकों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने इस उत्तर प्रदेश की जनसंख्या नीति को बनाया गया है. हमें इस बात को नहीं भूलना चाहिए कि अगर समाज में जहां गरीबी है वह जनसंख्या वृद्धि का संबंध होता है. ऐसे में जनसंख्या नीति का संबंध सिर्फ जनसंख्या की स्थिरता से नहीं बल्कि हर व्यक्ति का जीवन में खुशहाली लाने से भी है. इसके साथ ही सीएम योगी ने कहा कि पापुलेशन फर्टिलिटी रेट को जरूर कम करना होगा. इसके लिए जागरूकता अभियान ही सबसे बड़ा कार्य है. हर एक तबके को जागरूकता अभियान के साथ जोड़ना पड़ेगा.

सीएम योगी का भाषण के मुख्य बिंदु

इसके साथ ही सीएम योगी ने कहा कि यदि शिशु जन्म दर में अंतर नहीं होंगा तो मातृ मृत्यु दर को नियंत्रित करने में कठिनाई होगी. साथ ही सीएम ने परिवार नियोजन के लिए जनंसख्या नियंत्रण के लिए सभी विभागों में समन्वय जोर देते हुए कहा कि, जनसंख्या नियंत्रण के लिए जागरुकता बढ़ाने की जरूरत है. सीएम ने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण के लिए शिक्षा विभाग और महिला एवं बाल विकास विभाग समेत प्रदेश के अन्य विभागों को स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर काम करना होगा.

उत्तर प्रदेश जनसंख्या नीति 2021-2030 के माध्यम से परिवार नियोजन कार्यक्रम के अंतर्गत जारी गर्भ निरोधक उपायों की सुलभता को बढ़ाया जाना और सुरक्षित गर्भपात की समुचित व्यवस्था देने की कोशिश होगी. इसके साथ ही उन्नत स्वास्थ्य सुविधाओं के माध्यम से नवजात मृत्यु दर, मातृ मृत्यु दर को कम करने, नपुंसकता, बांझपन की समस्या के समाधान उपलब्ध कराते हुए जनसंख्या में स्थिरता लाने के प्रयास भी किए जाएंगे. इसके साथ ही इस नीति का उद्देश्य 11 से 19 वर्ष के किशोरों के पोषण, शिक्षा और स्वास्थ्य के बेहतर प्रबंधन के अलावा, बुजुर्गों की देखभाल के लिए व्यापक व्यवस्था करना भी है. साथ ही नव विवाहितों में परिवार नियोजन के साधनों को प्रोत्साहित करने के लिए 'शगुन किट' दी जाएगी.

सीएम योगी का भाषण के मुख्य बिंदु

नई जनसंख्या नीति के शुभारंभ के साथ सीएम योगी ने रविवार को प्रदेश के 11 जिलों में 11 बीएसएल-2 आरटीपीसीआर लैब का लोकार्पण किया. ये जिले अमेठी, औरेया, बुलंदशहर, बिजनौर, मऊ, महोबा, कासगंज, देवरिया, कुशीनगर, सोनभद्र और सिद्धार्थनगर हैं. इसके साथ ही प्रदेश में बीएसएल-2 स्तर की आरटीपीसीआर लैब की संख्या 44 हो गई है. इन लैब्स के शुरू होने के बाद इन जिलों में कोरोना की जांच रिपोर्ट जल्द मिलेगी, जिससे संक्रमित मरीज का इलाज भी जल्द शुरू हो सकेगा. प्रदेश के अन्य जनपदों में भी आरटीपीसीआर लैब खोलने की योजना है.

इसके साथ ही सीएम योगी ने सीएचसी-पीएचसी एप की भी शुरुआत की. इस एप के माध्यम से प्रदेश के सभी सरकार अस्पतालों के साथ 4600 सीएचसी और पीएचसी को एक यूनिक आईडी के माध्यम से एक एप से जोड़ा गया है. इस एप के माध्यम से प्रदेश के सभी चिकित्सालयों और स्वास्थ्य केंद्रों के बारे में पूरी जानकारी जैसे वहां कितने डॉक्टर और कितने स्वास्थ्य कर्मी तैनात हैं, दवाइयों की कितनी उपलब्धता है आदि एक ही प्लेटफॉर्म पर मिल जाएगी.

सीएम योगी का भाषण के मुख्य बिंदु


इस मौके पर चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जय प्रताप सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश में 23 करोड़ से ज्यादा की जनसंख्या है जो भारत का 16 परसेंट भाग और ब्राजील के बराबर है. उसका भी पूरे विश्व में 10 परसेंट भागीदारी है. जनसंख्या के लिए 2021 से लेकर 2030 तक जो जनसंख्या नीति बनाई गई उसके माध्यम से हम जागरूकता के साथ जनसंख्या को नियंत्रित करने का प्रयास करेंगे. जनसंख्या जब बढ़ती है तो उसके काफी प्रभाव पड़ते हैं. उत्तर प्रदेश में हम जो नीति ला रहे हैं उसके अनुसार 2052 तक हम जनसंख्या को स्थिरता पर ला सकते हैं. शिशु मातृ मृत्यु दर कम करना भी हमारा लक्ष्य है हर-हाल में मृत्यु दर पर भी नियंत्रण किया जाएगा. फैमिली प्लानिंग पर विशेष तौर पर ध्यान दिया जाएगा, लोगों को जागरूक किया जाएगा. नवविवाहित दंपतियों को जागरूक करने के लिए शगुन किट का वितरण किया जा रहा है. 2,36,000 नव दंपतियों को शगुन किट वितरित की गई है. अब तक कुल 26 लाख दंपतियों को परिवार नियोजन का लाभ दिया गया है.

इस अवसर पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि कोरोना के चलते जो स्थितियां खराब हुई थीं उसे बेहतर करने में हमने कामयाबी पाई है. हम कितने भी संसाधन बढ़ाएं कितनी वस्तुओं और सेवाओं में इजाफा करें, लेकिन जनसंख्या की दृष्टि से देखें तो सारे संसाधन बौने हो जाते हैं, इसलिए हम जनसंख्या को नियंत्रित करें इसकी बहुत ज्यादा आवश्यकता है. आजादी के समय हमारे देश की आबादी 34 करोड़ थी और अब हम 134 करोड़ तक पहुंच चुके हैं. इस पर जरूर विचार करना होगा. लोगों को जागरूक करना होगा. जनसंख्या को बिल्कुल भी आस्था से नहीं जोड़ना चाहिए. इस बारे में समझदारी दिखानी होगी. शिक्षा का स्तर बढ़ाने की भी काफी जरूरत है. उन्होंने मुख्यमंत्री को एक सुझाव दिया कि दंडात्मक कार्रवाई के बजाय लोगों को प्रोत्साहन करने की जरूरत है. दंड के बजाय प्रोत्साहन दिया जाए, जिससे इस नीति का लाभ मिलेगा.

Last Updated : Jul 11, 2021, 5:27 PM IST

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