लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को कोविड-19 और अन्य महत्वपूर्ण कामकाज की समीक्षा बैठक की. उन्होंने अफसरों को दिशा-निर्देश दिए हैं. सीएम ने कहा कि 23 जनवरी को प्रस्तावित शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) के व्यवस्थित आयोजन के लिए सभी तैयारियों की परख लिया जाए. यदि कोई कोविड पॉजिटिव अभ्यर्थी परीक्षा देने का इच्छुक है तो उसके लिए पृथक कक्ष की व्यवस्था की जाए. हर केंद्र पर एक कोविड केयर सेंटर स्थापित रहे.
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) की शुचिता को देखते हुए सुरक्षा के सभी आवश्यक बंदोबस्त किए जाएं. पर्चा लीक जैसी घटना कतई स्वीकार्य नहीं होगी. किसी अव्यवस्था अथवा अप्रिय घटना के लिए संबंधित जिलाधिकारी, बीएसए, परीक्षा केंद्र प्रभारी सभी की जिम्मेदारी तय होगी. संदिग्ध व अराजक तत्वों पर नजर रखी जाए. उन्होंने कहा कि आगामी सप्ताह में प्रस्तावित प्रदेशव्यापी डोर-टू-डोर स्क्रीनिंग अभियान के लिए स्वास्थ्यकर्मियों का विधिवत प्रशिक्षण कराया जाए.
अपनी निगरानी समितियों के सहयोग से हमने पिछली लहर में घर-घर स्क्रीनिंग का कार्य किया, जिससे कोविड नियंत्रण में सहायता मिली. इस बार भी ऐसे ही प्रयास की जरूरत है. इस कार्यक्रम में निगरानी समितियां, स्वास्थ्यकर्मी घर-घर पहुंचें. लक्षणयुक्त लोगों की पहचान करें. जरूरत के अनुसार टेस्ट कराएं और हर संदिग्ध मरीज को मेडिकल किट उपलब्ध कराएं. अपूर्ण टीकाकवर वाले लोगों की सूची तैयार करें.
उन्होंने कहा कि सीएम हेल्पलाइन के माध्यम से अस्पताल में उपचाराधीन कोविड पॉजिटिव लोगों के परिजनों से नियमित अंतराल पर संवाद किया जाए. होम आइसोलेशन में स्वास्थ्य लाभ ले रहे लोगों से संवाद कर उन्हें मेडिकल परामर्श, दवाएं आदि मुहैया कराई जाए. उन्होंने कहा कि प्रत्येक जिले में कम से कम एक बड़ा अस्पताल डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल के रूप में आरक्षित किया जाए. अन्य अस्पताल नॉन कोविड मरीजों के लिए उपलब्ध रहें.
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इंटीग्रेटेड कोविड कमांड सेंटर्स पूर्णतः सक्रिय रहें. जिलाधिकारी, सीडीओ और सीएमओ की नियमित बैठक आईसीसीसी में ही हो. होम आइसोलेशन के मरीज, निगरानी समितियों से संवाद, एम्बुलेंस की जरूरत और टेलिकन्सल्टेशन के लिए अलग-अलग नम्बर जारी किए जाएं. लोगों को टेलीकन्सल्टेशन की सुविधा उपलब्ध कराई जाए. उन्होंने कहा कि मुफ्त खाद्यान्न वितरण का कार्य सुचारु रखा जाए. एक भी पात्र राशन से वंचित न रहे. रैन बसेरों में मुसाफिरों, निराश्रितों की सुविधाओं और जरूरतों का ख्याल रखें. गो-आश्रय स्थलों पर ठंड से बचने के लिए अलाव और चारे आदि की उपलब्धता रहे.