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कुछ लेखक युवाओं को भ्रमित करने का प्रयास करते हैंः सीएम योगी - यशपाल सभागार

राजधानी लखनऊ में हिंदी संस्थान के 43वें स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित पुरस्कार वितरण एवं अभिनंदन समारोह कार्यक्रम में सीएम योगी आदित्यनाथ मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए. इस दौरान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कुछ लेखकों पर भारतीय साहित्य को बांटने का आरोप लगाया.

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

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Published : Dec 30, 2019, 11:01 AM IST

Updated : Dec 30, 2019, 12:23 PM IST

लखनऊः उप्र हिंदी संस्थान के यशपाल सभागार में आयोजित पुरस्कार वितरण एवं अभिनंदन समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 'कुछ लेखकों ने हमारे साहित्य को विभिन्न तरह भागों में विभाजित करने की कोशिश की, वे हमारे युवाओं को भ्रमित करने का प्रयास करते हैं. यह सुनिश्चित करना सभी लेखकों की जिम्मेदारी है कि ऐसी स्थिति उत्पन्न न हो.

साहित्यसेवियों का किया गया सम्मान

उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान के 43वें स्थापना दिवस के अवसर पर हिंदी संस्थान के यशपाल सभागार में पुरस्कार वितरण एवं अभिनंदन समारोह कार्यक्रम आयोजित किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता उप्र विधानसभा अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित ने की. इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में प्रदेश के मुखिया सीएम योगी आदित्यनाथ पहुंचे. इस अवसर पर आयोजित पुरस्कार वितरण एवं अभिनंदन समारोह में साहित्यसेवियों का सम्मान किया गया. पुरस्कृत होने वाले साहित्यकारों और लेखकों के नामों की घोषणा सितंबर महीने में की गई थी.

समारोह में वर्ष 2018 का प्रतिष्ठित साहित्यिक सम्मान भारत-भारती पटना की साहित्यकार-लेखिका डॉ. ऊषा किरण खान, पटियाला के डॉ. मनमोहन सहगल को लोहिया साहित्य सम्मान, वाराणसी के डॉ. बदरीनाथ कपूर को हिंदी गौरव सम्मान, भागलपुर के श्रीभगवान सिंह को महात्मा गांधी साहित्य सम्मान, दिल्ली की डॉ. कमल कुमार को अवंती बाई साहित्य सम्मान और लखनऊ के डॉ. ओमप्रकाश पांडेय को पं. दीनदयाल उपाध्याय साहित्य सम्मान और इंफाल के मणिपुर हिंदी परिषद को राजर्षि पुरुषोत्तमदास टंडन सम्मान से सम्मानित किया गया.


मेरे लिए भी है गौरव का क्षण
इस अवसर पर पुरस्कार पाने वाले सभी साहित्यकारों को भी मुख्यमंत्री ने बधाई दी. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ कहा कि हिंदी के प्रति अपना संपूर्ण जीवन समर्पित करने वाले साहित्यसेवियों को मैं बधाई देता हूं सबका अभिनंदन करता हूं. यह मेरे लिए भी अत्यंत गौरव का क्षण है. उन्होंने कहा कि आपकी साहित्यसेवा किसी पुरस्कार की मोहताज नहीं है, लेकिन जब आपको किसी सम्मान से सम्मानित किया जाता है तो यह अन्य लोगों को भी प्रेरणा प्रदान करता है.

साहित्य के लिए उचित अनुराग नहीं है युवाओं के मन में

सीएम योगी ने कहा कि यह समय अत्यंत चुनौतीपूर्ण समय है और साहित्य की द्रष्टि से तो यह और भी चुनौतीपूर्ण हो जाता है. इस अवसर पर कहा कि हिंदी के प्रयोग को अटल बिहारी वाजपेयी ने अंतराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित किया. देश के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसे और आगे बढ़ा रहे हैं. मोदी जी हिंदी का खुलकर प्रयोग करते हैं इसके साथ ही वह अपने अधिभाषण और भाषण के माध्यम से संपूर्ण विश्व का ध्यान हिंदी और भारत की तरफ आकर्षित करते हैं. एक तरफ यह हमारे लिए हर्ष का विषय है तो वहीं दूसरी तरफ साहित्य के लिए हमारे मन में जो अनुराग होना चाहिए वह नहीं है.

मुख्यमंत्री ने की साहित्यकारों से अपील

इस अवसर पर सीएम ने कहा कि सभी साहित्यकारों से मेरी एक अपील है कि वास्तव में हमारी लेखनी समाज की उन ज्वलंत समस्याओं को एक रचनात्मक दिशा देने की होनी चाहिए, जिसमें व्यापक लोक कल्याण का भाव निहित हो और राष्ट्रीय कल्याण का भाव भी निहित हो. जब हमारी लेखनी इस दिशा में चलेगी तो वह समाज को एक नया मार्ग देगी और उसकी स्वीकार्यता भी दिखाई देगी. सीएम ने कहा कि साहित्य को जातिगतता और क्षेत्रवाद से मुक्त होना चाहिए अन्यथा समाज की अपूर्णनीय क्षति होगी. समाज दिशाहीन होगा और दिशाहीन समाज कभी अपने लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर सकता.

कई लोग कर रहे हैं युवाओं को भ्रमित

सीएम योगी ने कहा कि साहित्यकारों के लिए यह चुनौती है क्योकिं बहुत से ऐसे लोग हैं जो साहित्य को अलग अलग खेमों में बांट देते हैं जिससे युवाओं के सामने भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है. हमारे सारे साहित्यकारों की जिम्मेदारी यह बनती है कि वह ऐसी स्थिति बनने न दें. बल्कि अपने चिंतन मनन और साहित्य साधना से आदर्श स्थापित करें.

Last Updated : Dec 30, 2019, 12:23 PM IST

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