लखनऊः उप्र हिंदी संस्थान के यशपाल सभागार में आयोजित पुरस्कार वितरण एवं अभिनंदन समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 'कुछ लेखकों ने हमारे साहित्य को विभिन्न तरह भागों में विभाजित करने की कोशिश की, वे हमारे युवाओं को भ्रमित करने का प्रयास करते हैं. यह सुनिश्चित करना सभी लेखकों की जिम्मेदारी है कि ऐसी स्थिति उत्पन्न न हो.
साहित्यसेवियों का किया गया सम्मान
उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान के 43वें स्थापना दिवस के अवसर पर हिंदी संस्थान के यशपाल सभागार में पुरस्कार वितरण एवं अभिनंदन समारोह कार्यक्रम आयोजित किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता उप्र विधानसभा अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित ने की. इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में प्रदेश के मुखिया सीएम योगी आदित्यनाथ पहुंचे. इस अवसर पर आयोजित पुरस्कार वितरण एवं अभिनंदन समारोह में साहित्यसेवियों का सम्मान किया गया. पुरस्कृत होने वाले साहित्यकारों और लेखकों के नामों की घोषणा सितंबर महीने में की गई थी.
समारोह में वर्ष 2018 का प्रतिष्ठित साहित्यिक सम्मान भारत-भारती पटना की साहित्यकार-लेखिका डॉ. ऊषा किरण खान, पटियाला के डॉ. मनमोहन सहगल को लोहिया साहित्य सम्मान, वाराणसी के डॉ. बदरीनाथ कपूर को हिंदी गौरव सम्मान, भागलपुर के श्रीभगवान सिंह को महात्मा गांधी साहित्य सम्मान, दिल्ली की डॉ. कमल कुमार को अवंती बाई साहित्य सम्मान और लखनऊ के डॉ. ओमप्रकाश पांडेय को पं. दीनदयाल उपाध्याय साहित्य सम्मान और इंफाल के मणिपुर हिंदी परिषद को राजर्षि पुरुषोत्तमदास टंडन सम्मान से सम्मानित किया गया.
मेरे लिए भी है गौरव का क्षण
इस अवसर पर पुरस्कार पाने वाले सभी साहित्यकारों को भी मुख्यमंत्री ने बधाई दी. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ कहा कि हिंदी के प्रति अपना संपूर्ण जीवन समर्पित करने वाले साहित्यसेवियों को मैं बधाई देता हूं सबका अभिनंदन करता हूं. यह मेरे लिए भी अत्यंत गौरव का क्षण है. उन्होंने कहा कि आपकी साहित्यसेवा किसी पुरस्कार की मोहताज नहीं है, लेकिन जब आपको किसी सम्मान से सम्मानित किया जाता है तो यह अन्य लोगों को भी प्रेरणा प्रदान करता है.