लखनऊःमुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुरुवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित उद्यमी महासम्मेलन-2022 (Entrepreneurs General Conference-2022) में शामिल हुए. कृषि आधारित एमएसएमई उद्योगों के उत्थान के लिए आयोजित इस महासम्मेलन में प्रदर्शनी भी लगायी गयी है, जिसका मुख्यमंत्री ने अवलोकन भी किया. सम्मेलन के दौरान मुख्यमंत्री ने इस बात की घोषणा की कि प्रदेश सरकार की ओर जल्द लायी जाने वाली खाद्य प्रसंस्करण नीति में एमएसएमई क्षेत्र के उद्यमियों की ओर से उठाये गये मुद्दों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. उन्होंने सम्मेलन में आये उद्यमियों का आह्वान किया कि उत्तर प्रदेश में फरवरी में होने जा रहे ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट को लेकर अभी से अपनी तैयारियां शुरू कर दें.
बीज से बाजार के अभियान को सफल बनाएं उद्यमीःइंडियन इंडस्ट्री एसोसिएशन की ओर से आयोजित इस सम्मेलन में पधारे प्रदेश के सभी उद्यमीगण, स्टेक होल्डर एवं प्रगतिशील किसान बंधुओं का अभिनंदन करते हुए सीएम ने कहा कि यूपी आज असीम संभावनाओं वाला प्रदेश है. यूपी देश की सबसे बड़ी आबादी वाला राज्य है. देश की 12 फीसद कृषि योग्य भूमि यूपी में है. हमारे अन्नदाता देश के खाद्यान का 20 फीसदी उत्पादन करते हैं. जरूरत इस बात की है कि हमारे अन्नदाताओं के पुरुषार्थ से उपजी फसलों को सही बाजार उपलब्ध हो, इसके लिए प्रधानमंत्री के 'बीज से बाजार' तक के अभियान को सफल बनाने के लिए खाद्य प्रसंस्करण से जुड़े उद्यमियों को अपने स्तर पर प्रयास करना होगा. यही एक मात्र जरिया है, जिससे रोजगार सृजन के साथ ही अन्नदाताओं की आमदनी बढ़ाने का संकल्प पूरा होगा.
निवेश मित्र पोर्टल देश में सर्वाधिक सेवाएं देने वाला सिंगल विंडो प्लेटफॉर्मःमुख्यमंत्री ने बताया कि उत्तर प्रदेश गेहूं, गन्ना, आम, आलू, मटर, मशरूम, तरबूज, दूध और शहद में देश में प्रथम स्थान पर है. इस खाद्यान्नों में उत्तर प्रदेश न सिर्फ आत्म निर्भर है, बल्कि सरप्लस की स्थिति में है. इन क्षेत्रों में एक्सपोर्ट की अनंत संभावनाएं हैं. उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार उद्योगों के विभिन्न सेक्टरों को गति देने के लिए हर क्षेत्र के लिए अलग से नयी पॉलिसी लेकर आ रही है. इसके माध्यम से ढेर सारे प्रोत्साहन सरकार की ओर से दिये जा रहे हैं. आज यूपी का निवेश मित्र पोर्टल देश में सर्वाधिक सेवाएं देने वाला सिंगल विंडो प्लेटफॉर्म है.
2017 से पहले बंद होने की कगार पर पहुंच गया था प्रदेश में एमएसएमई उद्योगःमुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 से पहले प्रदेश में एमएसएमई उद्योग लगभग बंद होने की कगार पर पहुंच गया था. उद्योगपति अपने उद्यम को यहां से बंद करके दूसरे राज्यों में निवेश की संभावना तलाश रहे थे. मगर आज प्रदेश के अंदर कानून व्यवस्था की स्थिति सबके सामने है. अपराध और अपराधियों के प्रति इस सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति है. हमें निवेश को आगे बढ़ाना है तो सुरक्षा के साथ-साथ मूलभूत सुविधाओं को भी ध्यान में रखना है. इसके लिए हमने प्रदेश के अंदर बुनियादी व्यवस्था पर काम किया है. कभी इसी प्रदेश में तीन से चार घंटे बमुश्किल बिजली मिल पाती थी. आज विद्युत आपूर्ति व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन किया गया है.