लखनऊ: उत्तर प्रदेश में बाल विवाह के खिलाफ चलाए जा रहे जागरूकता अभियान का असर दिखने लगा है. इसका सबसे बड़ा कारण समाज में शिक्षा का प्रसार और आर्थिक स्थिति में सुधार होना भी है. प्रदेश में अब 15 से 19 साल की उम्र में मात्र 6.4 फीसदी लड़कियों की ही शादी हो रही है.
10 सालों में बाल विवाह के मामलों में आई 20 फीसदी कमी
संयुक्त राष्ट्र की संस्था यूनिसेफ (यूनाइटेड नेशन्स चिल्ड्रेंस फंड) का दावा है कि उत्तर प्रदेश में पिछले 10 साल पहले 47% लड़कियों का विवाह 18 साल की उम्र से पहले कर दिया जाता था. यह आंकड़ा अब घटकर 25 से 27 फीसदी ही रह गया है. यूनिसेफ ने बताया कि बाल विवाह के आंकड़ों में वैश्विक स्तर पर कमी आई है. पिछले एक दशक में 25 मिलियन बाल विवाह रोके गए हैं.
उत्तर प्रदेश में बाल विवाह के आंकड़ों में बीते 10 सालों में काफी सुधार हुआ है. शिक्षा के प्रसार और जागरूकता के कारण बाल विवाह में कमी आई है. इसके विरीत पश्चिम बंगाल में बाल विवाह में महज 8 फीसदी की कमी आई है. बिहार, झारखंड, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में ऐसे मामलों में 25 से 27 फीसदी तक कमी दर्ज की गई.
शिक्षा और आर्थिक स्थिति से बाल विवाह में आई कमी
शिक्षा के प्रसार और आर्थिक स्थिति में सुधार का असर बाल विवाह के आंकड़ों पर दिख रहा है. उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, झारखंड में शिक्षा और आर्थिक स्थिति में सुधार होने के चलते आंकड़ों में कमी आई है. उत्तर प्रदेश में 15 से 19 साल की उम्र में सिर्फ 6.4 फीसदी लड़कियों की शादी हो रही है. इससे बाल विवाह के आंकड़ों में 25 से 27 फीसदी तक कमी आई है.