लखनऊ: साल का तीसरा चंद्रग्रहण 5 जुलाई को लगने जा रहा है. लेकिन यह देश में दिखाई नहीं देगा. ग्रहण की शुरुआत 5 जुलाई की सुबह 8:37:23 बजे से प्रारंभ होगा. यह चंद्रग्रहण 2 घंटे 45 मिनट तक दिखाई पड़ेगा. ग्रहण की समाप्ति सुबह 11:22:23 बजे होगी. खगोलीय घटनाओं के लिहाज से यदि देखा जाए तो पिछले वर्ष 2020 की 1 महीने में घटित तीन खगोलीय घटनाएं वर्ष 2009 की खगोलीय घटनाओं को दोहरा रही हैं.
राजधानी के इंदिरा गांधी नक्षत्रशाला के वैज्ञानिक अधिकारी सुमित श्रीवास्तव ने बताया कि जुलाई महीने की पूर्णिमा को बक मून, थंडर मून, वर्ट मून और हेय मून कहा जाता है. 5 जुलाई को पड़ने वाला चंद्र ग्रहण थंडर मून एक्लिप्स कहलायेगा, क्योंकि यह ग्रहण की घटना दिन के समय घटित होगी. दिन में ग्रहण लगने की वजह से यह भारत में नहीं दिखाई पड़ेगा. सुमित ने बताया कि भारतवर्ष में चंद्रमा की पूर्णिमा सुबह 10:14 पर है, मगर चंद्रमा पृथ्वी ओर सूर्य एक सीधी रेखा में उससे पूर्व ही आ जाएगा. यही कारण है कि चंद्रमा की उपच्छाया चंद्र ग्रहण की घटना घटित हो रही है.
कल लगने वाला ग्रहण उपच्छाया चंद्र ग्रहण होगा. दरअसल, उपच्छाया चंद्रग्रहण में चांद के आकार में किसी भी तरह का कोई फेरबदल नहीं होता है. इस चंद्रग्रहण में चांद के ऊपर पृथ्वी की छाया पड़ने से चंद्रमा पर एक हल्की सी धूल जैसी छाया पड़ती है. इसी को उपच्छाया चंद्र ग्रहण कहते हैं.