लखनऊःलखनऊ विश्वविद्यालय की सेंट्रलाइज्ड एडमिशन प्रक्रिया फ्लॉप साबित हो रही है. दो साल के प्रयोग के बाद भी न तो कॉलेज और न ही छात्र इससे जुड़ रहे हैं. ऐसे में अब विश्वविद्यालय प्रशासन ने प्रक्रिया से जुड़े नियमों में बदलाव करने का फैसला लिया है. इस केंद्रीकृत व्यवस्था में अधिक से अधिक महाविद्यालय व अधिकतम पाठ्यक्रमों में लखनऊ विश्वविद्यालय की केंद्रीकृत प्रवेश प्रक्रिया के माध्यम से प्रवेश लें. इसके लिए विश्वविद्यालय ने नियमों में परिवर्तन किया है. कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने प्रवेश सहभागिता शुल्क को यथावत रखते हुए, उतने ही शुल्क में दो पाठ्यक्रमों में प्रवेश प्रक्रिया में शामिल होने की अनुमति दी है. यदि कोई महाविद्यालय दो से अधिक पाठ्यक्रमों के लिए केंद्रीकृत प्रवेश प्रक्रिया में शामिल होता है तो प्रति पाठ्यक्रम पहले से आधा सहभागिता शुल्क देना होगा.
बता दें कि विश्वविद्यालय ने 2020-21 में लखनऊ विश्वविद्यालय की तरफ से सेंट्रलाइज्ड प्रवेश की प्रक्रिया शुरू की गई थी. इसके तहत विश्वविद्यालय के साथ ही कॉलेज में भी दाखिले की व्यवस्था की गई थी. बीते दो वर्षों से लगातार विश्वविद्यालय इस प्रक्रिया के तहत दाखिले ले रहा है. लेकिन छात्रों में इसको लेकर कोई रुचि नहीं दिख रहा है.
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