लखनऊ:हाथरस कांड में पिछले कई दिनों से लगातार हो रही सरकार की फजीहत और विपक्ष को मिल रहे माइलेज को दृष्टिगत रखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से घटना की जांच कराने की सिफारिश केंद्र सरकार से की है. विश्वस्त सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के निर्देश के बाद यूपी सरकार ने हाथरस घटना की जांच सीबीआई से कराने का फैसला किया.
योगी सरकार के साथ भाजपा की खूब हुई किरकिरी
भाजपा के विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक, पूरे हाथरस घटनाक्रम को लेकर योगी आदित्यनाथ सरकार की हर तरफ हुई किरकिरी, बीजेपी के अंदर से ही तमाम तरह के उठाए गए सवाल और पार्टी की छवि को हुए नुकसान से चिंतित बीजेपी नेतृत्व डैमेज कंट्रोल में जुट गया है. इसके साथ ही बिहार चुनाव को ध्यान में रखते हुए इस पूरे घटनाक्रम का पटाक्षेप करने के उद्देश्य से सीबीआई जांच कराने का फैसला किया गया. इसके साथ ही कांग्रेस नेताओं के आज पीड़ित परिवार से मिलने और सरकार पर हमला बोलने से कांग्रेस को मिल रहे माइलेज को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है, जिससे इस पूरे घटना की सही से जांच हो और जो भी दोषी हों, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सके.
बीजेपी नेतृत्व और आरएसएस की नाराजगी भी वजह
बीजेपी के विश्वस्त सूत्रों के अनुसार बीजेपी नेतृत्व और आरएसएस द्वारा दिए गए फीडबैक के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के निर्देश के बाद शनिवार देर शाम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सीबीआई जांच की संस्तुति की है.
राहुल-प्रियंका सहित विपक्ष के हमले से चिंतित है भाजपा
शनिवार को कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी ने पीड़ित परिवार से मुलाकात की. वहीं रविवार को हाथरस में पीड़ित परिवार से मिलने के लिए समाजवादी पार्टी सहित तमाम अन्य नेताओं के जाने के ऐलान से चिंतित बीजेपी नेतृत्व ने डैमेज कंट्रोल कराना शुरू कर दिया है, जिससे बिहार चुनाव में बीजेपी को किसी प्रकार का नुकसान न हो और दलितों की नाराजगी से भी बचा जा सके.
डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा सहित कई नेताओं से लिया गया फीडबैक
विश्वस्त सूत्रों के अनुसार, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को बीजेपी के तमाम बड़े नेताओं की तरफ से इस घटनाक्रम को लेकर दिए गए फीडबैक के बाद इसकी जांच सीबीआई से कराने का फैसला किया गया. यही नहीं, उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा से भी केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने विस्तार से जानकारी ली और यूपी में इस घटना के बाद सरकार पर हो रहे हमले और दलितों के बीच बड़ी नाराजगी को देखते हुए यह कदम उठाने का फैसला किया गया. यही नहीं, बीजेपी के कई अन्य नेताओं से भी अमित शाह ने इस पूरे घटनाक्रम को लेकर फीडबैक लिया. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित उत्तर प्रदेश के कई अन्य बड़े नेताओं से इस घटनाक्रम को लेकर चर्चा भी की.
साध्वी निरंजन ज्योति और उमा भारती सहित कई नेताओं ने उठाये थे सवाल
इससे पहले बीजेपी की केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने भी घटना को लेकर नाराजगी जताई थी तो पार्टी के वरिष्ठ नेता साध्वी उमा भारती ने भी इस घटना पर सवाल उठाए थे. हाथरस घटना के बाद दलित समाज के बीच बीजेपी की छवि को हो रहे नुकसान से चिंतित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की नाराजगी के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश के बाद सीबीआई जांच कराने का फैसला किया.
बड़े अधिकारियों को हाथरस भेजकर ली गई जानकारी
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सरकार ने इस घटना की जांच के निर्देश एसआईटी को पहले ही दे दिए थे. एसआईटी की प्राथमिक जांच रिपोर्ट के आधार पर हाथरस के पुलिस अधीक्षक सहित पांच लोगों को निलंबित करने का भी काम किया गया था. आगे के स्तर पर दोषी लोगों पर कार्रवाई को लेकर रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा था. इसीलिए शनिवार को सीएम के निर्देश पर अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी और डीजीपी एचसी अवस्थी को भी हाथरस भेजकर पीड़ित परिवार से जानकारी ली गई, लेकिन अचानक उच्च स्तर पर लिए गए निर्णय के बाद सीबीआई से जांच कराने की संस्तुति मुख्यमंत्री के स्तर पर की गई है.
मोदी ने सीएम से की थी कठोर कार्रवाई की बात
यही नहीं, इस पूरे घटनाक्रम को लेकर लगातार सरकार की किरकिरी और विपक्ष के हमलों से चिंतित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से फोन पर बात करके कठोर कार्रवाई कराए जाने की बात कही थी. इसकी जानकारी खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट करके दी थी. बीजेपी नेतृत्व और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्तर पर इस घटना को लेकर नाराजगी जताई गई और कहा गया कि अगर इस घटना को लेकर डैमेज कंट्रोल नहीं किया गया तो आने वाले समय में पार्टी को काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है. इन्हीं तमाम बाधाओं को देखते हुए राज्य सरकार ने सीबीआई से जांच कराने का फैसला किया, जिससे दूध का दूध और पानी का पानी हो सके.