लखनऊ: विवादित पुश्तैनी जमीन पर इंटरलॉकिंग रोड बनाए जाने के मामले में लखनऊ नगर निगम के नगर आयुक्त की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. दरअसल इस मामले में प्रभावित पक्ष ने कोर्ट में मुकदमा कर दिया है.
नगर आयुक्त के खिलाफ कोर्ट में मुकदमा, निजी जमीन पर रास्ता बनाने का आरोप
लखनऊ के नगर आयुक्त के खिलाफ कोर्ट में परिवाद दाखिल कराया गया है. आरोप है कि नगर आयुक्त और नगर निगम जोन-1 के अधिशासी अभियंता ने अपने पद का गलत इस्तेमाल करते हुए एक विवादित जमीन पर इंटरलॉकिंग रास्ता बनवा दिया.
विवादित पुश्तैनी जमीन पर रास्ता बनावाने का आरोप
अदालत ने पुश्तैनी जमीन पर इंटरलॉकिंग रास्ता बनाने के इस कथित मामले में दाखिल परिवाद की पोषणीयता पर सुनवाई के लिए 4 दिसंबर की तारीख तय की है. उक्त परिवाद में नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी व नगर निगम जोन-1 के अधिशासी अभियंता किशोरी लाल को विपक्षी पक्षकार बनाया गया है. सोमवार को अदालत में यह परिवाद अमीनाबाद के हसन बहादर व गनी बहादर ने दाखिल किया. परिवाद पर बहस करते हुए उनके अधिवक्ता का कहना था कि विपक्षीगणों ने अपने पद का दुरुयोग करते हुए परिवादीगणों की विवादित पुश्तैनी जमीन पर इंटरलाकिंग रास्ता बनवा दिया है. जिसकी वजह से परिवादीगणों को क्षति व मानसिक संताप पहुंचा है. लिहाजा विपक्षीगणों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए.
वादियों की ओर से यह भी दलील दी गई कि नगर निगम के आलाधिकारियों ने जानबूझ कर उनकी पुश्तैनी जमीन पर अवैध कब्जा करने की नियत से यह कार्य किया है, जो पूरी तरह अपने पद का गलत इस्तेमाल किए जाने का मामला है. वादियों ने नगर निगम से मुआवजा दिलाए जाने की भी मांग अदालत से की है.