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तालिबान राज का असर, बुर्के की कीमत में 10 गुना बढ़ोतरी

अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबान (Taliban) राज का असर दिखने लगा है. तालिबानी नेता महिलाओं की स्वतंत्रता की बात तो कर रहे हैं लेकिन बुर्के (Burqa) की 10 गुना बढ़ी कीमत सच्चाई को बयां कर रही है.

Burqa price increase
बुर्के की कीमत में 10 गुना बढ़ोतरी

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Published : Aug 18, 2021, 8:34 AM IST

लखनऊ :अफगानिस्तान में तालिबान राज स्थापित होने के बाद तालिबान नेताओं ने कहा कि वो महिलाओं को काम करने की आजादी देंगे और उनके अधिकारों की रक्षा की जाएगी हालांकि उन्हें इस्लामी कायदों को मानना पड़ेगा. इस तरह के ऐलान के बाद अफगानिस्तान में बुरकों की कीमत में 10 गुना बढ़ोतरी हुई है. अफगानिस्तान में बहुसंख्यक आबादी को डर है कि 1996 वाले हालात का सामना करना पड़ेगा. यह वो दौर था जब तालिबान सत्ता में था. हालांकि 2001 में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर आतंकी हमले के बाद तस्वीर बदली.

अमेरिका ने अफगानिस्तान में दखल दिया और लोकतंत्र की स्थापना के सपने के साथ हामिद करजई की सरकार आई. तालिबान, अफगानिस्तान के मुख्य शहरों से ढकेले जा चुके थे. लेकिन 20 साल बाद जिस तरह से तालिबान ने बहुत कम दिनों में कब्जा किया वो अचंभित करने वाली है. इस बार सत्ता पर कब्जे के लिए खून खराबा कम हुआ है, तालिबान की तरफ से कहा जा रहा है कि बेवजह किसी को चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है.

तालिबान नेतृत्व ने आश्वासन दिया है कि यह महिलाओं की शिक्षा के लिए खुला है, अधिकार समूहों का कहना है कि नियम स्थानीय कमांडरों और स्वयं समुदायों के आधार पर भिन्न होते हैं.अफगानिस्तान के हेरात में एक स्थानीय एनजीओ के लिए काम करने वाली 25 वर्षीय यूनिवर्सिटी ग्रेजुएट ने कहा कि लड़ाई के कारण वह हफ्तों से घर से बाहर नहीं निकली है.

अन्य निवासियों के साथ बात करने से, उसने कहा कि अगर कोई महिला सड़कों पर निकलती है, यहां तक ​​कि महिला डॉक्टर भी घर पर रहती हैं, जब तक कि स्थिति स्पष्ट नहीं हो जाती है. समाचार एजेंसी एपी के मुताबिक मैं तालिबान लड़ाकों का सामना नहीं कर सकता. मुझे उनके बारे में अच्छी भावना नहीं है. कोई भी महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ तालिबान के रुख को नहीं बदल सकता है, वे अभी भी महिलाओं को घर पर रहना चाहते हैं."

उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि मैं बुर्का पहनने के लिए तैयार हो जाऊंगी. तालिबान शासन के तहत महिलाओं को व्यापक नीले वस्त्र पहनने के लिए मजबूर करने का जिक्र किया. मैं इसे स्वीकार नहीं कर सकती. मैं अपने अधिकारों के लिए लड़ूंगी, चाहे कुछ भी हो उसने कहा.

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