लखनऊ : नगर निगम कार्यकारिणी के लिए 12 सदस्य निर्विरोध चुन लिए गए. महापौर समेत 13 सदस्यीय कार्यकारिणी में भाजपा के 10, समाजवादी पार्टी के 2 पार्षद चुने गए. कांग्रेस व बसपा का कोई पार्षद कार्यकारिणी में नहीं पहुंच सका है. महापौर सुषमा खर्कवाल ने विशेष सदन की अध्यक्षता की. महापौर ने 12 नामांकन प्राप्त होने के बाद सभी को निर्विरोध सदस्य घोषित कर दिया. महापौर ने कहा कि 'चुने गए सभी सदस्य लखनऊ के प्रति सेवा भाव और कर्तव्य निष्ठा से काम करने का संकल्प लेने और लखनऊ को तीन गुनी गति से आगे बढ़ाने में सहयोग करेंगे.'
कार्यकारिणी चुनाव को लेकर 11:15 पर नगर निगम के त्रिलोकनाथ हाल में बैठक शुरू हुई. 12 सदस्य के चुनाव के लिए नामांकन की प्रक्रिया शुरू हुई. भाजपा से 10 व सपा से 2 पार्षद ने नामांकन दाखिल किया. इसके बाद नाम वापसी की प्रक्रिया में किसी ने नाम वापस नहीं लिया, क्योंकि कार्यकारिणी के लिए सिर्फ 12 सदस्य ही चुने जाने थे और नामांकन भी 12 हुए. इस पर निर्वाचन की प्रक्रिया कराने की जरूरत ही नहीं पड़ी. सभी 12 प्रत्याशियों को निर्विरोध सदस्य घोषित कर दिया गया. महापौर सुषमा खर्कवाल ने सभी को माला पहनाकर कर बधाई दी, हालांकि कांग्रेस पार्षद मुकेश सिंह चौहान ने पहले चुनाव लड़ने की घोषणा की थी, लेकिन सदन में कांग्रेस के सिर्फ चार पार्षद हैं और चुनाव जीतने के लिए 11 वोट की जरूरत थी. देर रात भाजपा के पदेन सदस्यों की सूची में एमएलसी विजय पाठक व बृजलाल के नाम और जुड़ गए, इससे मुकेश चौहान के वोटों की गणित गड़बड़ा गई. क्रास वोटिंग से भी वोट हासिल करना मुश्किल था. ऐसे में मुकेश ने नामांकन दाखिल नहीं किया. सपा के लईक आगा व सुरेंद्र वाल्मीकि, भाजपा से रानी कनौजिया, हरिश्चंद्र लोधी, रंजीत सिंह, सौरभ सिंह मोनू, गिरीश गुप्ता, मुकेश सिंह मोंटी, पीयूष दीवान, शैलेंद्र वर्मा, उमेश सनवाल और अनूप कमल सक्सेना ने नामांकन किया. महापौर ने इन सभी को निर्विरोध निर्वाचित होने की घोषणा की.
कांग्रेस पार्षद के भाषण पर हंगामा :नामांकन की प्रक्रिया पूरी होने से पहले मुकेश सिंह चौहान ने कांग्रेस सरकार के इतिहास का बखान करना शुरू कर दिया. कहा कि स्थानीय निकाय में 33 प्रतिशत महिलाओं के लिए आरक्षण पूर्व पीएम राजीव गांधी की देन है. उसी के कारण महापौर सदन में हैं और कई महिला पार्षद निर्वाचित हुई हैं. कांग्रेस पार्टी की सोच है कि इस 33 प्रतिशत महिला आरक्षण को लोक सभा एवं विधानसभा में लागू कराया जाये, जिससे महिलाओं को उचित प्रतिनिधित्व प्राप्त हो सके. मुकेश चौहान के इस भाषण पर हंगामा शुरू हो गया. भाजपा पार्षद राघव राम तिवारी ने आपत्ति जताते हुए कहा कि 'यह कांग्रेस का अधिवेशन नहीं है तो अन्नू मिश्रा समेत अन्य दूसरे भाजपा पार्षदों ने विरोध जताते हुए भारत 'माता की जय' व 'जय श्रीराम' का नारा लगाना शुरू कर दिया. इस पर मुकेश चौहान ने धार्मिक नारे लगाए जाने पर आपत्ति जताई, हालांकि मेयर ने कहा कि पीएम किसी पार्टी का नहीं होता है. मुकेश सिंह चौहान से कहा कि वह चुनाव लड़ने के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन उन्होंने समय सीमा समाप्त होने तक नामांकन नहीं किया. कांग्रेस पार्षद मुकेश सिंह चौहान ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व. नरसिम्हा राव ने तत्कालीन प्रतिपक्ष के नेता अटल बिहारी वाजपेयी को जेनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार में कश्मीर में मानवाधिकार के मामलों में भारत का पक्ष रखने के लिए उनके नेतृत्व में एक डेलीगेशन भेजा था. पूर्व प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू ने प्रथम मंत्रिमण्डल में श्यामा प्रसाद मुखर्जी को अपने मंत्रिमंडल में मंत्री बनाकर सरकार में स्थान दिया था. चौहान ने कार्यकारिणी में सभी दलों को स्थान देने की मांग की.
पार्षद पतियों को किया गया बाहर :नवनिर्वाचित सदन की गुरुवार को पहली बैठक थी. कई पार्षद पति भी सदन में पहुंच गए और आगे व पीछे बैठे गए थे. पत्रकार दीर्घा की ज्यादातर सीटों पर पार्षद पति का ही कब्जा था. सपा पार्षद दल के नेता सै. यावर हुसैन रेशू ने बाहरी लोगों को सदन से बाहर करने की मांग की. इस पर महापौर ने उन्हें बाहर करने का निर्देश दिया. निगम के कर्मचारियों ने पूरे सदन से सभी पार्षद पतियों व रिश्तेदारों को सदन से बाहर किया.