लखनऊ: राजधानी में शनिवार को दिनदहाड़े बिहार के हिस्ट्रीशीटर वीरेंद्र उर्फ गोरख ठाकुर की हत्या के मामलें में 3 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस के हाथ खाली हैं. लखनऊ पुलिस के दो दारोगा सहित 4 पुलिसकर्मी बिहार में शूटर्स की तश्वीर लेकर पहुंची हुई है. साथ ही वीरेंद्र उर्फ गोरख ठाकुर के अलावा हत्या में नामजद बिट्टू और प्रियंका की हिस्ट्री तलाश रही है.
25 जून को कैंट थाना क्षेत्र के निलमथा में बिहार के मोस्टवांटेड अपराधी वीरेंद्र उर्फ गोरख ठाकुर की बिहार से आये शूटर ने गोलियों से भून कर हत्या कर दी थी. हत्या की वारदात हुए 3 दिन बीतने को हैं और पुलिस के पास अब तक 4 शूटर की सीसीटीवी फुटेज व गोरख की पत्नी के बताए हुए 3 नाम ही हैं. इन्हीं को लेकर लखनऊ पुलिस की एक टीम सोमवार को बिहार के उस शिकारपुर थाना पहुंची थी. जहां से गोरख ठाकुर ने अपराध की शुरुआत की थी. इसी थाना अंतर्गत प्रकाश नगर, नरकटियागंज में गोरख की हत्या में नामजद आरोपी बिट्टू जयसवाल और प्रियंका भी रहती है. हालांकि, लखनऊ पुलिस को शिकारपुर थाने में सिर्फ गोरख की क्राइम हिस्ट्री ही मिल सकी है.
कैंट थाना प्रभारी शिवचरण लाल के मुताबिक, उनकी टीम बिहार गई है. उनके मुताबिक, सीसीटीवी फुटेज में दिख रहे 4 संदिग्धों की तलाश के लिए बिहार पुलिस से मदद मांगी गई है. हालांकि, अभी तक उनके बारे में कुछ भी जानकारी नहीं मिल सकी है. इंस्पेक्टर के मुताबिक, उनकी टीम ने बरवा बरौली में फिरदौस के घर पर छापेमारी की है. हालांकि, वो घर पर नहीं मिला. इसके अलावा चीनी मिल रोड निवासी बिट्टू जायसवाल और गोरख की पहली पत्नी प्रियंका को ढूंढ निकालने के लिए लखनऊ पुलिस ने शिकारपुर पुलिस के साथ छापेमारी की. लेकिन, सभी आरोपी फरार हैं.
1997 में गोरख के नाम दर्ज हुआ था पहला मुकदमा
बिहार गई लखनऊ पुलिस को पता चला है कि वीरेंद्र उर्फ गोरख ठाकुर के खिलाफ अलग-अलग थानों में दो दर्जन से अधिक मुकदमे दर्ज हैं. उसके खिलाफ पहला मुकदमा साल 1997 को शिकारपुर थाने में लूट की धारा में दर्ज हुआ था. उसके बाद रेल थाना समेत कई थानों में दर्जनों मुकदमे उसके खिलाफ दर्ज होते गए और वो बिहार का मोस्टवांटेड अपराधी बन गया था.