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यूपी के जिला अस्पताल, सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में बेड बढ़ाने की प्रक्रिया तेज - यूपी के सरकारी अस्पतालों में बेड की संख्या

उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर दिशा निर्देश दिए. इस दौरान उन्होंने बताया कि प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में बेडों की संख्या बढ़ाई जा रही है.

उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक
उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक

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Published : Mar 20, 2023, 6:43 PM IST

लखनऊ: मरीजों को बेड के लिए एक से दूसरे अस्पताल में भटकने की जरूरत नहीं पड़ेगी. बेहतर उपचार उपलब्ध कराने के लिए जिला अस्पताल से लेकर सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में 26346 बड़े बढ़ाये जायेंगे. इसकी प्रक्रिया अंतिम दौर में है. कई अस्पतालों में अतिरिक्त बेड के लिए भवन का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो गया है. यह जानकारी उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने सोमवार को दी. इसके साथ ही डिप्टी सीएम ने अधिकारियों को निर्माण कार्य में तेजी लाने और गुणवत्ता पर विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए.

डिप्टी सीएम ने बताया कि प्रदेश के 41 जिला अस्पतालों में 1492 बेड बढ़ाये जायेंगे. इससे गंभीर मरीजों को बेहतर इलाज मुहैया कराने की राह आसान होगी. ग्रामीण क्षेत्र की स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए भी कदम उठाये गये हैं. अभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 30 बेड हैं. कई अस्पताल में 50 बेड की मेटरनिटी विंग अलग से बनाई जा रही है. जबकि दूसरे विभागों में भी बेड बढ़ाये जा रहे हैं. प्रदेश की 586 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 11720 बेड बढ़ाये जायेंगे. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में 4 बेड का प्रावधान है. इसमें छह बेड और बढ़ाए जाएंगे. 2184 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में 13134 बेड बढ़ाए जायेंगे.

उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि रोगियों को उच्चकोटि का उपचार उपलब्ध कराने में कोई कसर न छोड़े. मरीजों को निशुल्क दवाएं और जांच की सुविधा उपलब्ध करायें. इसमें किसी भी तरह की कोताही बरर्दाश्त नहीं की जायेगी. डॉक्टर समय पर अस्पताल पहुंचे और नियमित ओपीडी में बैठें. इसके साथ ही समय-समय पर राउंड लेकर भर्ती मरीजों की सेहत का हाल लें. डिप्टी सीएम ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र के अस्पतालों में गंभीर रोगियों को भर्ती करने में आनाकानी न करें. मरीज की सेहत का आकलन कर उन्हें भर्ती करें. इसमें शिथिलता न बरतें.

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