लखनऊ : बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर प्रदेश के 6 जनपदों में शुरू हुए ऑनलाइन अटेंडेंस प्रक्रिया को विभाग के शिक्षक ही पलीता लगाने में जुटे हुए हैं. विभाग की ओर से बाराबंकी, खीरी, हरदोई, सीतापुर, रायबरेली और उन्नाव जिले में ऑनलाइन अटेंडेंस की प्रक्रिया पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू की गई थी. इसके इन जिलों में शिक्षकों को वितरित किए गए टैबलेट में से आधे से ज्यादा टैबलेट बंद पड़े हैं. 18 दिसंबर तक महानिदेशक स्कूल शिक्षा को मिले रिपोर्ट के आधार पर केवल 36.5% ही टैबलेट एक्टिवेट हो पाए. इसको लेकर महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने इन सभी जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारी और खंड शिक्षा अधिकारियों को जमकर फटकार लगाते हुए सभी टैबलेट को ऑन करने के साथ ही प्रेरणा एप डाउनलोड करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया है गया है कि इस प्रक्रिया में बाधा डालने वाले शिक्षकों की पहचान कर उन पर कार्रवाई की जाए.
63.5% टैबलेट अभी तक ऑन ही नहीं :बेसिक शिक्षा विभाग की तरफ से ऑनलाइन फेस रिकॉग्निशन आधारित उपस्थित शुरू करने के लिए इन 6 जिलों में पायलट प्रोजेक्ट के तहत व्यवस्था शुरू की गई थी. इसके लिए इन सभी 6 जिलों में 28 हजार 314 टेबलेट वितरित किए गए थे 18 दिसंबर तक इनमें से केवल 10 हजार 328 टैबलेट ही एक्टिवेट हुए हैं. महानिदेशक स्कूल शिक्षा को भेजे गए रिपोर्ट में बताया गया है कि अभी तक 63.5% टैबलेट तो शिक्षकों ने ऑन ही नहीं किया है. इसका सबसे बड़ा कारण शिक्षक को द्वारा मोबाइल सिम को लेकर है.
इंटरनेट और सिम की व्यवस्था नहीं :बेसिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष सुधांशु मोहन ने बताया कि विभाग ने टैबलेट तो शिक्षकों को मुहैया करा दिया, पर इसके लिए इंटरनेट और सिम की व्यवस्था नहीं किया है विभाग में सभी शिक्षकों को टैबलेट में अपने आईडी से सिम खरीद कर उसे एक्टिवेट करने के निर्देश दिए हैं जबकि यह टैबलेट स्कूल के कामों में प्रयोग होना है ऐसे में अगर शिक्षक अपने आईडी से सिम खरीदना है और उसका ट्रांसफर हो जाता है तो उसके आईडी पर खरीदे गए सिम का मिसयूज हो सकता है जिसको लेकर शिक्षक इसका विरोध कर रहे हैं. इन सभी जिलों से बेसिक शिक्षा अधिकारियों की तरफ से भेजे गए रिपोर्ट में महानिदेशक स्कूल शिक्षा को यही बताया गया है कि शिक्षकों के विरोध के कारण सारे टैबलेट्स एक्टिवेट नहीं हो पा रहे हैं.