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पिछले साल भेजी गई रकम की जानकारी विद्यालयों से मांग रहा बेसिक शिक्षा विभाग, आ रही यह अड़चन

बेसिक शिक्षा विभाग सत्र 2022-23 में डीबीटी के माध्यम से अभिभावकों के खातों में भेजे गए पैसों के उपभोग का प्रमाण मांग रहा है. यह पैसे बच्चों की ड्रेस आदि के लिए भेजे जाते हैं. फिलवक्त शिक्षक बीते साल का ब्योरा देने में असमर्थता जता रहे हैं. जानिए क्यों

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Published : Jun 17, 2023, 11:18 PM IST

जानकारी देते प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष विनय सिंह.

लखनऊ :बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में पढ़ रहे विद्यार्थियों को शैक्षणिक सत्र 2023-24 के शुरू होने के तीन महीने बाद भी अभी तक यूनिफॉर्म का पैसा नहीं मिल पाया है. विभाग की ओर से 30 मई तक सभी विद्यार्थियों को डीबीटी के माध्यम से पैसा भेजने के आदेश दिए था. अंतिम डेट बीतने के बाद भी अभी तक पैसा नहीं भेजा गया है. अब विभाग का कहना है कि पैसा जुलाई के पहले सप्ताह में भेजा जाएगा, लेकिन उससे पहले विभाग ने अपने शिक्षकों से बीते साल डीबीटी के पैसे से बच्चों के खरीदे के यूनिफॉर्म सहित फोटो अपलोड करने को कहा है. ताकि मिलान करने के बाद इस साल का पैसा अभिभावकों के खाते में भेजा जा सके. विभाग के इस आदेश से शिक्षक काफी परेशान हैं. उनका कहना है कि बीते साल फोटो अपलोड करना काफी चुनौतीपूर्ण बड़ा काम है. इस संबंध में सभी शिक्षकों को मौखिक निर्देश जारी कर इस काम को पूरा करने को कहा है.

प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष विनय सिंह.




प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष विनय सिंह ने बताया कि सत्र 2022-23 में डीबीटी के माध्यम से अभिभावकों के खातों में पैसे भेजे गए थे. प्रदेश के सभी स्कूलों के शिक्षकों ने प्रेरणा पोर्टल पर बच्चों के फोटो यूनिफॉर्म पहने हुए अपलोड किए थे. कुछ बच्चे जो यूनिफॉर्म पहनकर नहीं आए थे, उनके अभिभावकों को इस बारे में पूछा गया था कि वो अपने बच्चों को यूनिफार्म क्यों नहीं दिला रहे हैं. अभिभावकों ने इस बात को टाल दिया था, जिसके बाद शिक्षकों ने साथ ही जल्दी यूनिफॉर्म बनवाने के निर्देश दिए गए थे. उसके बाद भी कई अभिभावकों ने पूरे सत्र में बच्चों की यूनिफार्म नहीं बनवाए थे. विभाग को इसकी सूचना दे दी गई थी साथ ही जिन बच्चों के यूनिफार्म के साथ फोटो उपलब्ध थे उन्हें प्रेरणा पोर्टल पर अपलोड भी कर दिया गया था.

जारी आदेश.
जारी आदेश.
जारी आदेश.

विनय सिंह के अनुसार विभाग अगर पिछले ही साल यह निर्देश देता कि सारे बच्चों के यूनिफॉर्म सहित फोटो पोर्टल पर अपलोड करना अनिवार्य है तो बीते सत्र में ही शिक्षक अभिभावकों पर दबाव डालकर इसे पूरा करवा लेते हैं. अब सत्र बदल चुका है. ऐसे में बीते साल की फोटो अपलोड कर पाना शिक्षकों के लिए संभव नहीं है. साथ ही कक्षा आठ के बच्चे अब विद्यालय में नहीं हैं. इसके अलावा जो बच्चे प्रमोट होकर अगली कक्षा में चले गए हैं, उनमें से भी ज्यादातर बच्चों ने प्रवेश तो ले लिया है, पर उसमें से भी आधे बच्चे ही यूनिफार्म में आते हैं.

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